अहमदाबाद-नई दिल्ली। चुनाव आयोग के आदेश पर गुजरात पुलिस ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार एवं राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में एक प्राथमिकी दर्ज की। मोदी के खिलाफ प्राथमिकी इस वजह से दर्ज हुई है क्योंकि आज सुबह गांधीनगर में अपना वोट डालने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी का चुनाव चिह्न ‘कमल’ दिखाते हुए भाषण दिया।
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चुनाव आयोग ने सख्त कदम उठाते हुए अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त शिवानंद झा ने संवाददाताओं को बताया, ‘हमने चुनाव आयोग के आदेश का पालन किया है। हमने प्राथमिकियां दर्ज की हैं और चुनाव आयोग को अनुपालना रिपोर्ट दे दी है।’ चुनाव आयोग ने यह आदेश भी दिया मोदी से जुड़ी गतिविधियां दिखाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की जाए।
गुजरात के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पीसी ठाकुर ने बताया, ‘इस मामले में शहर की अपराध शाखा ने दो प्राथमिकी दर्ज की है।’ ठाकुर से पूछा गया था कि क्या मोदी के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज की गई है?
मोदी ने उस वक्त विवाद को जन्म दे दिया, जब उन्होंने अपना वोट डालने के तुरंत बाद अपनी पार्टी का ‘कमल’ निशान हाथ में दिखाकर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और भाजपा के लिए खुलेआम वोट मांगे। यह घटना गांधीनगर सीट के तहत अहमदाबाद के रानिप इलाके के एक मतदान केंद्र पर हुई। गांधीनगर सीट से लालकृष्ण आडवाणी भाजपा के उम्मीदवार हैं।
कांग्रेस पार्टी ने मोदी पर आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई। दिल्ली में चुनाव आयोग के आदेश में कहा गया, ‘आयोग का मानना है कि जिस दिन पूरे गुजरात और देश के अलग-अलग हिस्सों में मतदान जारी है, उस दिन सभा कर और सभा को संबोधित कर नरेंद्र मोदी ने जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 126 (1) (ए) और 126 (एक) (बी) का उल्लंघन किया है।’
आदेश में कहा गया, ‘लिहाजा, आयोग निर्देश देता है...नरेंद्र मोदी तथा उक्त सभा को आयोजित करने में शामिल रहे सभी लोगों के खिलाफ शिकायत या प्राथमिकी, जैसा भी मामला हो, दर्ज की जानी चाहिए।’ अपने आदेश में चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि जिन टीवी चैनलों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने सभा का प्रसारण किया और चुनावी मामले दिखाए उनके खिलाफ भी धारा 126 (एक) (बी) के तहत ‘अलग शिकायतें या प्राथमिकियां’ दर्ज कर कार्यवाही की जाए।
आयोग ने शाम 6 बजे तक अनुपालन रिपोर्ट तलब की थी। 126 (1) (ए) और (बी) के मुताबिक, मतदान संपन्न होने से पहले की 48 घंटे की अवधि के दौरान जनसभाओं पर पाबंदी होती है। इसके मुताबिक, ‘कोई भी व्यक्ति (ए) किसी चुनाव के सिलसिले में न तो कोई जनसभा आयोजित करेगा, न जनसभा में शामिल होगा और न ही उसे संबोधित करेगा। (बी) सिनेमेटोग्राफ, टेलीविजन या ऐसे ही किसी अन्य उपकरण के जरिए भी किसी चुनावी मामले को नहीं दिखाया जाएगा।’’
शाम के समय उप चुनाव आयुक्त विनोद जुत्शी ने दिल्ली में कहा कि गुजरात सरकार ने चुनाव आयोग को अपनी अनुपालन रिपोर्ट भेजी है। कांग्रेस ने तुरंत चुनाव आयोग का रूख किया और मोदी पर आदर्श आचार संहिता के सरासर उल्लंघन का आरोप लगाया।
मामले पर क्या बोली भाजपा...
दिल्ली में सवालों के जवाब देते हुए भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने जोर देकर कहा कि मोदी ने ‘चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया है। संवाददाता सम्मेलन आयोजित नहीं किया गया था।’ बहरहाल, लेखी ने कहा, ‘चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और हम उसका आदर करते हैं। हम उसके आदेशों का पालन करेंगे।’
भाजपा प्रवक्ता जेपी नड्डा ने कहा कि जहां तक मोदी का सवाल है, उनका आचरण चुनाव आचार संहिता की सीमाओं के भीतर है। उन्होंने कहा कि भाजपा और मोदी को मिल रहे भारी समर्थन से कांग्रेस में बौखलाहट है और इसीलिए हर बात में वह कोई पेच निकालने का प्रयास करती है।
मोदी को लेकर आज उस समय विवाद खड़ा हो गया जब उन्होंने मतदान करने के बाद अपनी पार्टी का चुनाव चिह्न कमल दिखाया और संवाददाताओं को संबोधित किया। इस कदम के विरोध में कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से शिकायत कर उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है।
कांग्रेस ने शिकायत में क्या कहा...
निर्वाचन आयोग को भेजी शिकायत में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कानूनी विभाग के सचिव के सी मित्तल ने कहा कि विभिन्न चैनलों पर दिखाए गए समाचार से यह पता चला कि मोदी गांधी नगर में मतदान केन्द्र पर वोट डालने गए।
पार्टी ने कहा कि मतदान करके बाहर आने के बाद वह भाजपा तथा खुद अपने लिए प्रचार कर रहे थे और भाजपा के लिए प्रचार करने के अंदाज में भाषण दे रहे थे। वह लोगों को पार्टी का चुनाव चिन्ह दिखा रहे थे और अपना वोट डालने का संदेश देने के लिए स्याही के निशान वाली उंगली दिखा रहे थे।
मित्तल ने कहा कि मोदी का भाषण और चुनाव चिह्न का प्रदर्शन भी जनप्रतिनिधित्व कानून (आरपीए) की धारा 126 का उल्लंघन है और इसलिए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। मोदी पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन और आरपीए के तहत अपराध किए जाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने कहा कि इस तरह खुल्लम खुल्ला उल्लंघन करने के कारण वह अयोग्य भी घोषित किए जा सकते हैं।