इंडिया टुडे ग्रुप की रैंकिंग्स के अनुसार कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी एमपीएलएडीऐस फंड्स का केवल 53.63 फीसद हिस्सा ही खर्च किया और वे लोकसभा की केवल 42.61 फीसद बैठकों में शामिल हुए। इंडिया टुडे ग्रुप की रैंकिंग में राहुल गांधी काफी निचले पायदान पर रहे हैं।
ग्रुप ने भारत के सबसे अच्छे और सबसे खराब सांसदों की रैंकिंग का आकलन किया था। इस मामले में राहुल का पांचवां सबसे खराब रिपोर्ट कार्ड है और वे समूचे सांसदों की रैंकिंग में नीचे से पांचवें स्थान पर हैं।
सांसदों के लिए इस रैंकिंग्स का निर्धारण इंडिया टुडे ग्रुप ने दो एनजीओज- द सतर्क नागरिक संगठन (एसएनएस) और द असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने मिलकर किया था। देश के सांसदों की रैंकिंग्स का निर्धारण ऐसा पहला प्रयास है जिसके तहत देश के सांसदों का प्रदर्शन विविध प्रदर्शन मापदंडों पर आधारित है और इसे भारतीय सांसदों का रिपोर्ट कार्ड कहा जा सकता है।
पंद्रहवीं लोकसभा में राहुल ने पूरे पांच वर्षों के दौरान संसद में एक भी प्रश्न नहीं पूछा। इसके अलावा, उन्होंने लोकसभा की मात्र 42.61 फीसद बैंठकों में ही भाग लिया। सांसद के तौर पर उन्हें जो विकास निधि आवंटित की गई थी, उसका भी वे 53.68 फीसदी खर्च कर सके।
एडीआर ने अमेठी से जिन लोगों से बात की और पाया कि राहुल गांधी के विकास संबंधी प्रत्यक्ष ज्ञान की रेटिंग 10 में से केवल 5.56 थी। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और सिंहभूम से निर्दलीय सांसद मधु कौड़ा को एक सांसद के तौर पर उनके सबसे निकृष्ट ट्रैक रिकॉर्ड के कारण जाना गया।
दूसरा सबसे निकृष्ट प्रदर्शन उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा दिग्गज नेता कल्याणसिंह का रहा। ऐसे ही खराब रिकॉर्ड दर्शाने वालों में असम, धुबरी के सांसद बदरुद्दीन अजमल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी रहे। टीवी कमेंटेटर और अमृतसर से भाजपा सांसद नवजोतसिंह सिद्धू दसवें सबसे खराब सांसद आंके गए।
यह रैंकिंग 371 सांसदों तक की तय की गई थी, लेकिन इसमें यूपीए के मंत्रियों को शामिल नहीं किया गया था। चूंकि मंत्रियों को उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर नहीं करना होता है और वे ना ही प्रश्न पूछते हैं, इसलिए उन्हें इस रैंकिग्स से दूर रखा गया। यह आंकड़े जुटाने के लिए एडीआर ने बड़े पैमाने पर जनमत संग्रह किया और देश के 530 संसदीय क्षेत्रों के दो लाख पचास लोगों से जानकारी हासिल की। इन परिणामों में बंगाल के सांसदों के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी।
डेलीमेल ऑन लाइन में छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक लेकिन जहां तक देश के अच्छे सांसदों की बात आती है तो पहली बार शिवसेना की ओर से सांसद बने गजानन बाबर धर्मर्षि देश की शीर्ष सांसद बनकर उभरे। उन्होंने ना केवल विकास निधि को पूरा खर्च किया वरन वे मतदाताओं से लगातार सम्पर्क में रहे। वे संसद में हर अवसर पर मौजूद रहे और इसलिए उन्हें उनके कामकाज के लिए 10 में से 9 नंबर दिए गए।
अच्छे सांसदों में इडुक्की, केरल, के पीटी थॉमस दूसरे श्रेष्ठ सांसद चुने गए। अटिंगल केरल से माकपा सांसद ए. सम्पत तीसरे सबसे अच्छे सांसद चुने गए। कुल रैंकिंग में आंठवीं रैंक हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश के अनुराग ठाकुर रहे। इसी तरह दसवें स्थान पर दिल्ली के कांग्रेस सांसद जयप्रकाश अग्रवाल रहे।
विदित हो कि कांग्रेस की अध्यक्षा इस 371 सांसदों की रैंकिंग में 223 में नंबर पर रहीं। अपने बेटे की तरह से उन्होंने भी पांच साल में संसद में कोई प्रश्न नहीं पूछा। संसद में उपस्थित रहने का उनका रिकॉर्ड 50 फीसदी रहा तो स्थायी समितियों की बैठकों में मौजूद रहने का उनका रिकॉर्ड केवल 12.49 फीसद रहा। सांसद के आधे निचले स्थानों में भाजपा के प्रमुख नेताओं, शत्रुघ्न सिन्हा, यशोधरा राजे सिंधिया, कीर्ति आजाद, शाहनवाज हुसैन, लालजी टंडन और मेनका गांधी के स्थान रहे।