5 जनवरी आज विश्व पंछी दिवस : रंगबिरंगे पक्षियों को देख कर फुर्र से उड़ जाता है तनाव

अविनाश शास्त्री 
 
वैश्विक स्तर पर पंछियों के विलुप्त होने की चिंता दिखाई दे रही है। पंछियों के संरक्षण-संवर्धन हेतु 5 जनवरी को विश्व पंछी दिवस मनाया जाता है। पेश है इस अवसर पर एक रोचक आलेख, जो यह बताता है कि कैसे पंछियों को देखकर भी आप अपना तनाव फुर्र से उड़ा सकते हैं-
 
आज के तनाव भरे दौर में हर कोई टेंशन भगाने के नुस्खे तलाशने में लगा है। तो चलिए, एक नुस्खा हम आपको बताते हैं। नुस्खा बड़ा आसान है। इसे कोई भी, कहीं भी आजमा सकता है। यह नुस्खा है 'बर्ड वॉचिंग' यानी पंछियों का अवलोकन। हमारे आसपास अलग-अलग तरह के पक्षी चहचहाते-फुदकते रहते हैं।  
 
अक्सर हम अपने काम में इतने व्यस्त रहते हैं कि इन्हें देखकर भी अनदेखा कर देते हैं। हां, कुछ लोग ऐसे होते हैं जो बर्ड वॉचिंग का शौक पालते हैं और अकेले या फिर समूह में निकल पड़ते हैं पंछियों की खोज में। फिर ये घंटों उन्हें निहारते रहते हैं, उनकी गतिविधियां डायरी या कैमरे में दर्ज करते हैं। मनोचिकित्सकों का कहना है कि यह शौक मन-मस्तिष्क को शांति पहुंचाने में बहुत कारगर है। अतः जो लोग अक्सर तनाव से घिरे रहते हैं, उन्हें बर्ड वॉचिंग के लिए जरूर समय निकालना चाहिए।
 
इसके लिए आपको कोई ज्यादा तामझाम की जरूरत नहीं पड़ेगी। बस, एक अच्छा बायनॉक्यूलर (दूरबीन) ले लीजिए और अपने इलाके में पाए जाने वाले पक्षियों की सचित्र जानकारी देने वाली किताब खरीद लाइए ताकि आप जो-जो पक्षी देखें, उनके नाम जान सकें। साथ ही यदि कैमरा भी ले जाएं, तो सोने में सुहागा।
 
अब बस, अपनी व्यस्त दिनचर्या में से समय निकालकर निकल पड़िए पक्षी-दर्शन को। बाग-बगीचों में जाइए, खुले मैदानों में जाइए। शहर के बाहरी इलाकों में, जहां हरियाली अधिक है, वहां आपको ये पंखों वाले मित्र अधिक संख्या में मिलेंगे। इन्हें डिस्टर्ब मत कीजिए, बस खामोशी से इनकी गतिविधियों को निहारते जाइए। 
 
कोई दाना-पानी तलाश रहा होगा, कोई घोंसला बनाने की जुगत भिड़ा रहा होगा, तो कोई अपनी मस्ती में गा रहा होगा। कहीं प्यार का इजहार हो रहा होगा, तो कहीं मासूम तकरार चल रही होगी। इनकी हरकतें आपका जी बहला देंगी। तबीयत खुश हो जाएगी आपकी। तनाव कब फुर्र हो गया, पता ही नहीं चलेगा... 

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी