यह प्रकार खेती करने की पद्धति को Centre Pivot Irrigation कहा जाता है। सऊदी अरब उन देशों में से एक है जहां यह प्रयोग में है। खाड़ी देशों में सूर्य की किरणें सीधी पड़ती है जिस कारण यहां का तापमान अधिक रहता है। यहां की जमीन भी बंजर, रेतीली और पथरीली प्रकार की है जिस पर खेती करने का सोचना भी असंभव था। पर इस प्रणाली से यहां के जीवन को एक संजीवनी मिली। 1 किलोमीटर गहरे भूमिगत जल और नदियों से पाइपलाइन के माध्यम से लाए गए पानी से यहां खेती संभव हो सकी।
इस Centre Pivot Irrigation पद्धति में एक बड़े पाइप से फव्वारों के रूप में फसल पर पानी का छिड़काव होता है। इस पाइप में पहिए लगे होते हैं और यह एक पाइंट पर घूमता है। इनमें पम्प की सहायता से पानी छोड़ा जाता है। यह इतने विशाल होते हैं कि 5 मील तक पानी का छिड़काव होता है। यहां फसल को फलने लायक वातावरण देने के लिए लगातार फसल पर पानी देना पड़ता है। यह पूरा यन्त्र गोल घूमता है इसलिए यहां के खेत भी गोल बन जाते हैं।