सन् 1773 ई. में प्रसिद्ध यात्री कैप्टन कुक का जहाज जब ऑस्ट्रेलिया में रुका था, तब कुछ खलासी एक कंगारू पकड़ लाए। उन्होंने इस विचित्र जीव को पहले कभी नहीं देखा था। इसलिए उन्होंने वहाँ के एक निवासी से इसका नाम पूछा। उसे इसका नाम मालूम नहीं था अतः उसने अपनी भाषा में जवाब दिया- 'कंगारू अर्थात मुझे मालूम नहीं।' मगर खलासियों ने समझा कि इसका नाम कंगारू है। इस तरह यह विचित्र जीव कंगारू कहा जाने लगा।
बैठते समय यह पूंछ के सहारे बैठता है। इससे इसका संतुलन बना रहता है।
छलांग लगाने में यह बहुत कुशल होता है।