इतना ही नहीं वे सिर्फ बाहर ही नहीं बल्कि घर में भी वह भेदभाव, घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न का शिकार हो रही हैं। इसलिए लड़कियों को शिक्षित करना हम सभी का पहला दायित्व है और नैतिक अनिवार्यता भी है। इस दिन 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सेव द गर्ल चाइल्ड' पर बातों पर जोर दिया जाता है।