4 दिसंबर को हर साल नौसेना दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की वजह है भारतीय नौसेना की विजय और भारत-पाकिस्तान के युद्ध में शहीद हुए जाबांज। उनके इस बलिदान को याद कर हर साल नेवी डे (Navy Day) पर श्रद्धांजलि दी जाती है। दरअसल, 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध लघु युद्ध हुआ था। करीब 13 दिन तक चलने वाला यह युद्ध इतिहास में दर्ज हो गया। ऑपरेशन ट्राइडेंट के तहत 4 दिसंबर 1971 में भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची नौसैनिक अड्डे पर हमला बोल दिया था। जिसके बाद वहां मौजूद तेल में भी आग लग गई थी। जिसे बुझाने में करीब 7 दिन का वक्त लगा था। उसकी लपटें इतनी तेज थी कि 60 किमी दूर से भी नजर आ रही थी।
क्या वजह थी भारत- पाकिस्तान के बीच हुए नौसेना युद्ध की
दरअसल, इस युद्ध की शुरुआत पाकिस्तान द्वारा की गई थी। पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना के 19 स्टेशनों पर हवाई हमले से हुआ। भारत पाक के बीच हो रहे युद्ध में भारत का पूर्वी पाकिस्तान ( बांग्लादेश) और पश्चिमी पाकिस्तान दोनों तरफ से हो रहा था इस दौरान 4 दिसंबर को ऑपरेशन ट्राइडेंट के तहत कराची नौसैनिक अड्डे पर हमला किया गया। और भारतीय नौसेना को बड़ी जीत हासिल हुई। इस दौरान कई सारे बांग्लादेशी शरणार्थी भारत में शरण ले रहे थे। उन्हें रोकना भी मुमकिन नहीं था। ऐसे में यह युद्ध 16 दिसंबर तक चला जब बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी मिली। इसके बाद पूर्वी पाकिस्तान को एक नए राष्ट्र के नाम बांग्लादेश घोषित किया गया।
भारतीय नौसेना की स्थापना कब हुई ?
भारतीय नौसेना भारत-पाक युद्ध के बाद चर्चा में आया है। लेकिन इसकी स्थापना सालों पूर्व ही चुकी थी। भारतीय नौसेना भारतीय सेना का सामुद्रिक अंग है। 1612 में इसकी स्थापना की गई। ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने जहाजों को सुरक्षित रखने के लिए मरीन सेना गठित की थी। पहले भारतीय नौसेना का नाम East India Company's Marine था बाद में 1892 में इसे रॉयल इंडियन मरीन रखा गया था। 26 जनवरी, 1950 को भारत का गणराज्य स्थापित होने के बाद नाम बदलकर भारतीय नौसेना रखा गया।