प्रेस स्वतंत्रता दिवस : खास बातें

यह दिवस भारत में एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस की मौजूदगी का प्रतीक है। 
 
दुनिया में करीब 50 देशों में प्रेस क्‍लब या मीडिया परिषद है। 
 
भारत देश में प्रेस को वॉचडॉग कहा गया है। 
 
पत्रकारिता को देश का चौथा स्तंभ कहा गया है, क्योंकि लोगों को अभिव्यक्ति की आजादी है। 
 
संविधान की पुस्तक में अनुच्छेद -19 के तहत 'अभिव्यक्ति की आजादी' (Right to Expression)के मूल अधिकार है। 
 
इस दिवस का मुख्‍य उद्देश्‍य है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखना। 
 
प्रेस की आजादी का ये महत्व दुनिया को आगाह करने वाला ये दिन बताता है कि लोकतंत्र के मूल्यों की सुरक्षा और उसे बहाल करने में मीडिया अहम भूमिका निभाता है। लेकिन सवाल पत्रकारों की सुरक्षा पर खड़े होते हैं।
 
 
 
प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है लेकिन जब उसके सेहत की बात आती है तो प्रेस की आजादी को भी एक बड़ा पैमाना जाता है। 
 
आइए जानते हैं प्रेस की आजादी के मायने पर भारत देश और अन्‍य देश कहां खड़े है 
 
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वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स के मुताबिक शीर्ष पर ये 5 देश हैं -
 
1. नॉर्वे
 2.फिनलैंड
 3.स्वीडन
 4.डेनमार्क 
5.कोस्टा रिका
 
 
 
वहीं सबसे निचले पायदान पर है ये 5 देश -
 
1. इरीट्रिया
 2.नॉर्थ कोरिया
 3. तुर्कमेनिस्‍तान
 4.चीन
 5.जिबूती 
 
 
180 देशों में जानते हैं एशियाई देश कौन से पायदान पर है -
 
भूटान - 65वें नंबर पर
नेपाल - 106वें नंबर पर
भारत - 142 वें नंबर पर
पाकिस्तान - 145वें नंबर पर है।
 
भारतीय प्रेस परिषद के बारे में -
 
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया का गठन प्रेस काउंसिल एक्ट 1978 के तहत 1966 में किया गया था। यह प्रेस की स्वतंत्रता की सुरक्षा इसका गठन करना मुख्‍य उद्देश्य था। साथ ही भारतीय प्रेस किसी बाहरी मामले से प्रभावित न हो।

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