आज विश्व रेडियोग्राफी दिवस है। हर साल यह दिवस 8 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की शुरुआत साल 2012 से हुई थी। 8 नवंबर को 1895 के दिन एक्स-रे या एक्स-रेडिएशन की खोज हुई थी। जर्मन वैज्ञानिक विल्हेम कोनराड रोन्टजेन ने इसकी शुरुआत की थी। विल्हेम द्वारा की गई यह खोज एक वरदान है। क्योंकि एक्स-रे के तहत कई गंभीर बीमारियों का पता लग जाता है। साल 1901 में विल्हेम को इस आविष्कार के लिए फिजिक्स में पहला नोबेल पुरस्कार मिला था।
साल 2012 में यह दिवस पहली बार बनाया गया था। इसकी शुरुआत यूरोपियन सोसाइटी ऑफ रेडियोलॉजी, रेडियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका और अमेरिका कॉलेज ऑफ रेडियोलॉजी ने साथ मिलकर की थी। गौरतलब है कोविड -19 के दौरान एक्स-रे से काफी मदद मिली थी। किसी भी गंभीर बीमारी का अंदर से पता लगाने के लिए एक्स-रे ने बहुत बड़ी भूमिका अदा की है। जल्द से जल्द किसी भी बीमारी का पता लगाना एक्स-रे के बिना असंभव है।
एक्स-रे के अलावा रेडियोलॉजी ने अन्य तकनीकों को भी विकसित किया है। जैसे सीआर, एमआरआई, एंजियोग्राफी। एक्सरें की मदद से हड्डी की गहराई तक जांच सकते हैं। फ्रैक्चर या हड्डी पर जोर से चोट लगने पर डॉक्टर एक्स-रे की सलाह देते है। इसके बाद तय किया जाता है चोट कितनी गंभीर है। बता दें कि 2012 से पहले रेडियोग्राफी दिवस 10 फरवरी को मनाया जाता था। क्योंकि उस दिन एक्स-रे की खोज करने वाले विल्हेम का निधन हो गया था। लेकिन बाद में उनके जन्मदिन पर इस दिवस को मनाने की घोषणा हुई।