गुजरात में विभिन्न राजनीतिक दलों ने आपराधिक रिकार्ड वाले लोगों को अपना उम्मीदवार बनाया है। नेशनल इलेक्शन वॉच द्वारा किए गए एक विश्लेषण से पता चला है कि पहले दौर के मतदान से जिन 482 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है, उनमें से 46 के खिलाफ गंभीर आपराधिक आरोप हैं।
वॉच के सदस्य अजित रानाडे ने कहा कि राज्य विधानसभा चुनाव के पहले दौर के लिए मैदान में उतरे 846 उम्मीदवारों में से 482 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया गया और पता चला कि इनमें से 22 प्रतिशत यानी 104 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
उन्होंने बताया कि इन 104 उम्मीदवारों में से 46 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, जबरन वसूली, लूट जैसे गंभीर आरोप हैं। पहले दौर में मैदान में उतरे बाकी उम्मीदवारों और दूसरे दौर का चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के हलफनामों के विश्लेषण के बाद इस प्रतिशत में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
रानाडे ने यहां मीडिया के लोगों को बताया कि 2007 के विधानसभा चुनाव में 23 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे। कांग्रेस ने ऐसे 27 लोगों को टिकट दिया, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले हैं, जबकि भाजपा ने इस तरह के 22 उम्मीदवारों पर भरोसा जताया।
पूर्व मुख्यमंत्री केशूभाई पटेल के नेतृत्व वाली गुजरात परिवर्तन पार्टी ने 21 उम्मीदवार ऐसे उतारे हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले हैं। गंभीर आरोपों की बात करें तो गुजरात परिवर्तन पार्टी के 11, भाजपा के 9, कांग्रेस के 8, जद (यू) के 6, राकांपा के 2 और बसपा के एक उम्मीदवार के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। (भाषा)