कांग्रेस देगी गरीबों को मुफ्त राशन

शुक्रवार, 21 दिसंबर 2007 (18:51 IST)
गुजरात में कांगेस ने इस महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को घोषणा-पत्र जारी किया जिसमें एक नए गुजरात बनाने का सपना पेश करते हुए 20 फीसदी अत्यधिक गरीब परिवारों को मुफ्त राशन मुहैया कराने का वादा किया गया।

गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष भरत सोलंकी ने कहा यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो पार्टी हर महीने 20 फीसदी निर्धनतम परिवारों को 25 किलो गेहूँ, दस किलो चावल, चार किलो दाल, पाँच किलो चीनी और 15 लीटर मिट्टी का तेल मुफ्त मुहैया कराएगी।

घोषणा-पत्र में कहा गया है कि यदि कांग्रेस को सरकार चलाने की जिम्मेदारी दी जाती है तो अल्पसंख्यकों समाज के वंचित और कमजोर तबकों के आर्थिक स्तर को विकसित किया जाएगा। कांग्रेस ने वायदा किया कि धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों के विकास के लिए वह एक अल्पसंख्यक आर्थिक विकास निगम की स्थापना की जाएगी।

घोषणा-पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस सरकार सहकारी बैंकों के जरिए अल्पसंख्यकों और वंचित वर्गों को आवासीय एवं व्यापारिक ऋण मुहैया कराएगी। सच्चर समिति की सिफारिशों को केन्द्र की तर्ज पर लागू किया जाएगा।

घोषणा-पत्र में कहा गया है कि प्रदेश में 46 लाख हैक्टेयर से ज्यादा ऐसी भूमि है जिसका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा। अनुसूचित जाति जैसे वंचित वर्ग के प्रत्येक परिवार को सौ गज भूखंड मुहैया कराने से जुड़ी एक योजना तैयार की जाएगी।

2002 में राज्य में भड़के दंगों के सिलसिले में कदम उठाने को लेकर सोलंकी ने कहा कि यह मामला न्यायपालिका के समक्ष है और जाँच आयोग भी इस पर गौर कर रहा है। आयोग का जाँच का दायरा बढ़ा दिया गया है और जाँच इसके तहत की जाएगी।

इसमें कहा गया है कि गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों की जाँच का दायरा बढ़ा दिया गया है और नानावटी-शाह जाँच आयोग को मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और मंत्रिमंडलीय सहयोगियों की भूमिका की जाँच का अधिकार दे दिया गया है।

कांग्रेसी नेता दिग्विजयसिंह ने हाल के स्टिंग ऑपरेशन पर कहा कि विहिप और भाजपा नेता दंगों में अपनी भूमिका स्वीकार करते दिखे हैं। कांग्रेस के सरकार में आने पर इनकी भूमिका की जाँच की जाएगी।

सिंह ने कहा मुख्यमंत्री मोदी समूची आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं करते। 2002 में भड़के दंगों के प्रभावित अब भी शिविरों में जिंदगी काटने पर मजबूर हैं। घोषणा-पत्र में कहा गया है बिजली चोरी के सिलसिले में राज्य सरकार के किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस ले लिए जाएँगे।

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