कांग्रेस ने पराजय स्वीकारी

रविवार, 23 दिसंबर 2007 (12:06 IST)
गुजरात विधानसभा चुनाव में जीत की ओर अग्रसर भाजपा की संभावनाओं को देखते हुए कांग्रेस ने अपनी पराजय स्वीकार कर ली है।

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पार्टी की हार स्वीकार करते हुए कहा यह उनकी (नरेन्द्र मोदी) की महान विजय है यह उल्लेखनीय जीत है। उनकी जीत पर मुझे कोई ईर्ष्या नहीं है।

उन्होंने हालाँकि कहा कि चुनाव में जीत से गोधरा कांड के बाद मोदी के मुख्यमंत्रित्व में हुए दंगों से कलंक नहीं धुल जाता। सिंघवी ने कहा मूलभूत धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के उल्लंघन की गतिविधियों को किसी भी चुनावी जीत से माफी नहीं मिल जाती।

सिंघवी ने कहा मोदी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि चुनावों में भाजपा की सफलता से जाहिर होता है कि मोदी ने जो गुर अपनाए उनमें से कुछ कारगर साबित हुए। सिंघवी ने कहा कि जीत गुजरात तक सीमित है और निश्चित तौर पर वहाँ विभाजनकारी राजनीति कारगर हुई।

उन्होंने कहा कि पार्टी स्वाभाविक तौर पर परिणामों से निराश हुई है, लेकिन उसे अचंभा भी हुआ है क्योंकि वह कम अंतर से जीत हार की उम्मीद कर रही थी।

कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने मोदी की विजय पर टिप्पणी करते हुए कहा कि फासीवादी जीतते हैं और अपनी जीत को दोहराते भी हैं। उन्होंने मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने राज्य की जनता के मन में भय भर रखा था।

इसके साथ ही उन्होंने इस विचार को खारिज कर दिया कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी की 'मौत के सौदागर' टिप्पणी ने चुनाव में हवा का रुख मोदी के पक्ष में मोड़ने में मदद की।

सिब्बल ने कहा सच्चाई तो बयाँ करनी होगी। हमें खुलकर मोर्चा लेना था। लोकतंत्र राज्यों के चुनाव जीतने या हारने से जुड़ा नहीं है। मोदी ऐसी चीज हैं, जिसे कांग्रेस घृणा करती है। सिब्बल ने कहा कि हमने एजेंडा तय किया और हम ऐसी राजनीति चाहते हैं जिसका प्रतिनिधित्व नरेन्द्र मोदी नहीं करते हैं। हम संघर्ष जारी रखेंगे।

सोनिया ने एक दिसंबर को गुजरात में चुनावी रैली के दौरान 'मौत का सौदागर' मुहावरे का इस्तेमाल किया जिसके बाद विवाद पैदा हो गया और मोदी ने गुस्से में इसका जवाब दिया तथा सोहराबुद्दीन मुठभेड़ को परोक्ष तौर पर जायज ठहराया।

वेबदुनिया पर पढ़ें