कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी की 'मौत के सौदागर' वाली टिप्पणी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को ध्यान में रखकर नहीं की गई थी।
केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि श्रीमती गाँधी ने कोई नाम नहीं लिया। उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा। उन्होंने वही कहा जो प्रदेश सरकार पहले ही उच्चतम न्यायालय में स्वीकार कर चुकी है, न ज्यादा कहा, न कुछ अलग।
उन्होंने कहा कि मौत के सौदागर का आशय उस तरीके से था जिससे प्रदेश के शासन में बैठे कुछ लोग काम कर रहे हैं। गुजरात सरकार के ही वकील केटीएस तुलसी कह रहे हैं कि मोदी को यह नहीं कहना चाहिए था।
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने मौत के सौदागर वाली टिप्पणी के लिए आज सोनिया पर तीखा हमला बोला और चुनाव आयोग से उनके खिलाफ कार्रवाई करने की माँग की।
सिब्बल से आडवाणी के इस बयान के सिलसिले में सवाल पूछा गया था। कांग्रेस की ओर से जहाँ यह स्पष्टीकरण आया है वहीं पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी इन दिनों कहते रहे हैं कि 'मौत के सौदागर' की टिप्पणी मोदी के लिए सर्वाधिक उपयुक्त थी, लेकिन कुछ नरम लहजे वाली थी।
सिब्बल ने मोदी को यह कहने के लिए भी आड़े हाथों लिया कि सोहराबुद्दीन शेख के फर्जी मुठभेड़ में कत्ल को जाजय ठहराने वाले बयान के लिए उन्हें सोनिया ने अपने भाषण के जरिये उकसाया।
सिब्बल ने कहा उन्होंने (मोदी) गुजराती अखबारों में 28 और 30 नवंबर को साम्प्रदायिक प्रकृति के विज्ञापन दिए। यह सोनिया के गुजरात जाने से बहुत पहले किया गया। मंत्री ने कहा वह झूठ बोल रहे हैं कि उन्होंने कुछ नहीं कहा और उन्हें उकसाया गया।