उत्तररांचल प्रदेश में हरिद्वार नगरी को भगवान श्रीहरि (बद्रीनाथ) का द्वार माना जाता है, जो गंगा के तट पर स्थित है। इसे गंगा द्वार और पुराणों में इसे मायापुरी क्षेत्र कहा जाता है। यह भारतवर्ष के सात पवित्र स्थानों सप्तपुरियों में से एक है। हरिद्वार में हर की पौड़ी को ब्रह्मकुंड कहा जाता है। इसी विश्वप्रसिद्ध घाट पर कुंभ का मेला लगता है। यदि आप कुंभ मेले में जा रहे हैं और कुछ खरीददारी भी करना चाहते हैं तो हरिद्वार के बड़ा बाजार जरूर जाएं।
3. यहां पर लकड़ी से बनी वस्तुओं और सुंदर हस्तशिल्प भी खरीद सकते हैं।
4. खरीददारी करते हुए आप यहां लज़ीज़, स्वादिष्ट देशी पेड़ा भी खा सकते हैं।
3. शहर के केंद्र से लगभग 3 किलोमीटर कनखल मार्केट में भी आप खरीददारी कर सकते हैं। यह बाजार रुद्राक्ष मालाओं, पेंडेंट, भगवानों की तस्वीर तथा अन्य कई प्रकार के धार्मिक चिन्हों की खरीददारी के लिए प्रसिद्ध है।
4. मोती बाजार में पूजज सामग्री के अलावा यहां आपको छोटे-छोटे खूबसूरत दीये, चंदन का पेस्ट, आयुर्वेदिक दवाएं, खाना बनाने से संबंधित सामान तथा अचार की बहुत सारी किस्में खरीदारी के लिए मिल जाएंगी। इसके अलावा इस बाजार से खूबसूरत चूड़ियों, पीतल और तांबे की बनी मूर्तियों, सिंदूर, खूबसूरत लैंप्स, रंग-बिरंगे शीशे तथा बेंत से बनी टोकरियां भी खरीदी जा सकती है।