वहीं आज सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि हम अपनी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा लें या यूं कहें कि इसे मजबूत कर लें और साथ ही अपना श्वसन तंत्र सक्रिय रखें तो कोई भी बीमारी हमें नुकसान नहीं पहुंचा सकती है, वहीं इसे योगासन के माध्यम से आसानी से सक्रिय किया जा सकता है।
तो आइए, जानते हैं एक्सपर्ट एड्वाइस...
डॉ. चंद्रशेखर विश्वकर्मा का बताते हैं कि रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने के लिए जरूरी है कि हम अपनी सारी अंत:स्रावी ग्रंथियों को सक्रिय रखें, विशेष रूप से थायमस ग्रंथि को। यह ग्रंथि हमारे हृदय के पास दोनों फेफड़ों के बीच स्थित होती है।
इस ग्रंथि का मुख्य कार्य टी-सेल या T-lymphocytes का निर्माण करना है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और इसके लिए सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास करना जरूरी है।