आज की इस भागदौड़ ज़िन्दगी में डिप्रेशन, एंग्जायटी एवं स्ट्रेस जैसी कई मेंटल हेल्थ समस्या तेज़ी से बढ़ रही हैं। हम अक्सर मेंटल हेल्थ की समस्या को अनदेखा या अनसुना कर देते हैं पर कोरोना काल के बाद हमें इसकी गंभीरता का एहसास हुआ।
आजकल युवाओं में डिप्रेशन की समस्या ज़्यादा देखी जाती है, क्योंकि युवा अपने करियर की शुरुआती दौड़ में होते हैं और साथ ही उन्हें अपने करियर को सेट करने का स्ट्रेस होता है। इसके साथ ही कोरोना काल में घरेलू हिंसा के कारण भी परिवार के सदस्यों में डिप्रेशन की समस्या बढ़ी है।
अगर आप भी डिप्रेस या तनाव महसूस करते हैं तो आपको भूलकर भी इन 4 चीज़ों को नहीं करना चाहिए-
1. अकेले न रहे : डिप्रेशन या तनाव होने के बाद हम अक्सर खुद को दूसरों से अलग कर देते हैं, जो कि बिलकुल गलत आदत है। अकेले रहने से आप अपने मन की बात किसी से कह नहीं पाते हैं और साथ ही अकेले होने पर आप ओवरथिंक (overthink) करते हैं, जिसके कारण आपके मन में बार-बार नकारात्मक विचार आते हैं। इसलिए अकेले रहने से बचें और अपने प्रियजनों से बात करने की कोशिश करें।
2. ज़्यादा न सोए : अक्सर लोग दुखी या डिप्रेस होने पर सोना पसंद करते हैं ताकि वो समस्या को भूल सकें या उस समस्या को नज़रअंदाज़ कर सकें, पर ऐसा करने से डिप्रेशन की समस्या और अधिक बढ़ती है क्योंकि आपका शरीर सुस्त हो जाता है, जिससे आपको कोई भी काम करने की इच्छा नहीं होती। एक्सरसाइज या वॉक करें जिसकी मदद से आपके शरीर में फुर्ती आएगी।
3. नशा न करें : लोग अपनी समस्या को भूलाने के लिए या अस्थायी ख़ुशी पाने के लिए नशे का सहारा लेते हैं, जो कि बिल्कुल गलत है। नशा आपके तनाव को और अधिक बढ़ाता है और यह आपके शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। नशे से दूर रहें और समस्या को भूलाने की बजाय उन्हें हल करने का सोचें।
4. वर्चुअल स्क्रीन टाइम कम करें : अक्सर लोग डिप्रेशन या तनाव से बचने के लिए बहुत अधिक वर्चुअल स्क्रीन टाइम स्पेंड (virtual screen time spend) करते हैं जिससे उन्हें अस्थायी रूप से ख़ुशी मिलती है पर आपको बता दें कि ज़्यादा समय मोबाइल या कंप्यूटर पर बिताने से आपकी नींद पर प्रभाव पड़ता है, जिससे आपका स्वभाव चिड़चिड़ा होता है इसलिए वर्चुअल स्क्रीन टाइम को आप कम करें।