आज की भागदौड़ वाली ज़िन्दगी में अनियमित रूटीन और खान पान की वजह से लोगो में डायबिटीज का खतरा बहुत बढ़ गया है। डायबिटीज न सिर्फ आपके शरीर बल्कि दिमाग पर भी काफी असर डालती है। एक स्टडी के अनुसार मध्य वर्ग की आयु के लोगों को डायबिटीज के कारण कई दिमागी बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
टाइप २ डायबिटीज वाले मरीज़ों को दिमागी बीमारी का खतरा ज़्यादा होता है...
तो चलिए जानते हैं कि कैसे डायबिटीज आपकी दिमागी बीमारियों को बढ़ा रही है...
1. याददाश्त होती है कमज़ोर-
बढ़ती डायबिटीज के कारण आपका दिमाग धीरे-धीरे सिकुड़ने लगता है क्योंकि पैंक्रियाज ग्लूकोस को अब्सॉर्ब करना बंद कर देती है जिससे दिमाग को ज़रूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते। ये स्थिति 60 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोगों में गंभीर रूप से देखी जाती है।
2. डिमेंशिया का खतरा -
डिमेंशिया से दिमाग की क्षमता धीरे धीरे कम होने लगती है और व्यक्ति को सोचने, समझने और मनोभाव करने में समस्या होती है। इसका खतरा भी टाइप-2 और टाइप-3 डायबिटीज के रोगियों में गंभीर रूप से देखा गया है। हालांकि डायबिटीज के प्रभाव को कम करके इस खतरे को टाला जा सकता है।
3. ब्रेन स्ट्रोक की संभावना-
ब्रेन स्ट्रोक होने के कारणों में से एक कारण डायबिटीज को माना गया है। शरीर में हाई ब्लड शुगर के कारण रक्त वाहिकाओं को काफी हद तक नुकसान पहुंचता है जिससे दिमाग में रक्त संचार नियमित रूप से नहीं हो पाता और खून एक जगह ठहर जाता है।
डायबिटीज से बचने के लिए क्या करें:
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- हेल्दी खाना खाएं और ओवरईटिंग से बचें
- धूम्रपान या शराब का सेवन न करें
- डायबिटीज के लक्षण दिखने पर तुरंत जांच करवाएं
- अपने रूटीन को हेल्दी रखें
- स्ट्रेस से डायबिटीज का खतरा बढ़ता है तो ध्यान या योग से स्ट्रेस कम करें।
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