अधिकांशतः यही समझा जाता है कि मेवों में वसा की मात्रा अधिक होती है अतः इनका सेवन हानिकारक होता है। माना कि इनमें वसा अधिक होता है लेकिन ये हानिकारक कतई नहीं होते हैं। वास्तव में मेवों में पॉली असंतृप्त वसा होती है जो बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करती है। वैज्ञानिक शोधों से पता चला है कि मेवों में हृदय तथा अन्य असाध्य रोगों से सुरक्षा प्रदान करने की शक्ति होती है।
मेवों में हम बादाम, काजू, पिस्ता, अखरोट, किशमिश, केसर, चारोली तथा मूंगफली को मुख्य रूप से शामिल करते हैं। मेवों से जुड़े तथ्य यह हैं कि इनमें वसा की मात्रा अधिक होती है अतः ये अधिक कैलोरी प्रदान करते हैं इसलिए इनका सेवन कम मात्रा में ही करना चाहिए।
प्रोटीन समृद्ध होने के कारण ये मांसाहारी भोजन का अच्छा विकल्प हैं क्योंकि मेवों में मेवों में अमीनो एसिड जैसे आर्जीनिन पाए जाते हैं। इनमें विटामिन ई, विटामिन बी-6, निएसिन तथा फॉलिक एसिड तथा खनिज लवण मैगनेशियम, जिंक, आयरन, कैल्सियम, कॉपर, सेलेनियम तथा पोटैशियम पाए जाते हैं।
बादाम, अखरोट, काजू, पिस्ता में असंतृप्त वसा पाई जाती है जबकि नारियल तथा खजूर में संतृप्त वसा पाई जाती है। लेकिन नारियल या खजूर को जब कुछ पारंपरिक व्यंजनों में मिलाकर बनाया जाता है तो ये उतने नुकसानदेह नहीं होते।