संसार के सभी धर्मों में उपवास को ईश्वर के निकट पहुंचने का एक सबसे कारगर उपाय माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के परे यह निर्विवाद सत्य है कि उपवास करने से शरीर स्वस्थ रहता है। संभवतः इसके महत्व को समझते हुए सभी धर्मों के प्रणेताओं ने इसे धार्मिक रीति-रिवाजों से जोड़ दिया है ताकि लोग उपवास के अनुशासन में बंधे रहें।
यह आर्थराइटिस, अस्थमा, उच्च रक्तचाप, हमेशा बनी रहने वाली थकान, कोलाइटिस, स्पास्टिक कोलन, इरिटेबल बॉवेल, लकवे के कई प्रकारों के साथ-साथ न्यूराल्जिया, न्यूरोसिस और कई तरह की मानसिक बीमारियों में फायदेमंद साबित होता है।
- उपवास जितना लंबा होगा शरीर की ऊर्जा उतनी ही अधिक बढ़ेगी।
- उपवास करने वाले की श्वासोच्छवास विकार रहित होकर गहरा और बाधा रहित हो जाता है।