सेहत से भरपूर फ्रेंचबीन्स के 10 फायदे

बीन्स एक ऐसी सब्जी है जिसका प्रयोग लगभग हर तरह के भोजन में किया जाता है। यह सेहत से भरा एक पौष्टिक वि‍कल्प भी है। सलाद से लेकर, भोजन तक में प्रयोग की जाने वाली, प्रोटीन से भरपूर फ्रेंच बीन्स, किस तरह आपकी सेहत को और भी बेहतर बना सकती है, जानिए -
 

बीन्स की हरी पत्त‍ियों को भी सब्जी के रूप में भोजन में शामिल किया जाता है तथा सूखी हुई फलियों को राजमा या लोबिया के रूप में खाया जाता है।

1 फ्रेंच बीन्स में मुख्यत: पानी, प्रोटीन, कुछ मात्रा में वसा तथा कैल्सियम, फास्फोरस, आयरन, कैरोटीन, थायमीन, राइबोफ्लेविन, नियासीन, विटामिन सी आदि तरह के मिनरल और विटामिन मौजूद होते हैं।

2 इनके अलावा बीन्स विटामिन बी2 का भी प्रमुख स्त्रोत है। प्रति सौ ग्राम फ्रेंच बीन्स से तकरीबन 26 कैलोरी मिलती है। राजमा में यही सब अधि‍क मात्रा में पाया जाता है इसलिए प्रति सौ ग्राम राजमा से 347 कैलोरी मिलती है।
 

3 बीन्स, घुलनशील फाईबर का अच्छा स्रोत है, जिसके कारण यह हृदय रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि प्रतिदिन एक कप पकी हुई बीन्स का प्रयोग करने से रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है और इससे हृदयाघात की संभावना भी 40 प्रतिशत तक कम हो सकती है।
बीन्स में सोडियम की मात्रा कम तथा पोटेशियम, कैल्शि‍यम व मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है जो रक्तचाप को बढ़ने से रोकता है और हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है।

5 बीन्स का 'ग्लाइसेमिक इन्डेक्स' कम होता है जिससे अन्य भोज्य पदार्थों की अपेक्षा बीन्स खाने पर रक्त में शर्करा का स्तर अधि‍क नहीं बढ़ता । इसमें मौजूद फाइबर रक्त में शर्करा के स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं। यही कारण है, कि मधुमेह के रोगियों को बीन्स खाने की सलाह देते है। 


 
6 बीन्स का रस शरीर में इन्सुलिन के उत्पादन को बढ़ावा देता है। इस वजह से मधुमेह के मरीजों के लिए बीन्स खाना बहुत लाभदायक माना जाता है।
7  फ्रेंच बीन्स किडनी से संबंधित बीमारियों में भी काफी फायदेमंद है। किडनी में पथरी की समस्या होने पर, आप लगभग 60 ग्राम बीन्स की पत्त‍ियों को चार लीटर पानी में करीब चार घंटे तक उबाल लें। फिर इसके पानी को कपड़े से छानकर करीब आठ घंटे तक ठंडा होने के लिए रख दें। अब इसे फिर से छान लें पर ध्यान रखें कि इस बार इस पानी को बिना हिलाए छानना है। इसे एक सप्ताह तक हर दो घंटे में पीने से अत्यधि‍क लाभ होता है।

8 होम्योपैथिक दवाओं में भी बीन्स बहुत काम आती है। ताजी बीन्स का उपयोग रूमेटिक, आर्थ्राइटिस तथा मूत्र संबंधी तकलीफ के लिए दवाई बनाने के लिए किया जाता है।


 
 














बीन्स में एन्टीआक्सीडेंट की मात्रा भी काफी होती है। एन्टीऑक्सीडेंट शरीर में कोशिकाओं की मरम्मत के साथ् ही त्वचा व दिमाग के लिए भी अच्छा माना जाता है। इसलिए इसका सेवन करने से कैंसर की संभावना कम हो जाती है। इसमें मौजूद फाईटोएस्ट्रोजन स्तन कैंसर के खतरे को भी कम हो सकता है। 
10  इन सभी के अलावा बीन्स कैल्शियम का एक अच्छा स्त्रोत हैं, जो हड्डियों तथा दांतों दोनों के विकास में महत्वपूर्ण होता है।

8 होम्योपैथिक दवाओं में भी बीन्स बहुत काम आती है। ताजी बीन्स का उपयोग रूमेटिक, आर्थ्राइटिस तथा मूत्र संबंधी तकलीफ के लिए दवाई बनाने के लिए किया जाता है।

 
 बीन्स में एन्टीआक्सीडेंट की मात्रा भी काफी होती है। एन्टीऑक्सीडेंट शरीर में कोशिकाओं की मरम्मत के साथ् ही त्वचा व दिमाग के लिए भी अच्छा माना जाता है। इसलिए इसका सेवन करने से कैंसर की संभावना कम हो जाती है। इसमें मौजूद फाईटोएस्ट्रोजन स्तन कैंसर के खतरे को भी कम हो सकता है। 
 
10  इन सभी के अलावा बीन्स कैल्शियम का एक अच्छा स्त्रोत हैं, जो हड्डियों तथा दांतों दोनों के विकास में महत्वपूर्ण होता है। 

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