क्या यह सच है... ज्यादा ‘नींद’ से हो सकता है ‘सिर में दर्द’
आखिर क्या है सिर में दर्द होने का कारण?
डॉक्टर मानते हैं कि ज्यादा देर सोने से शरीर में सिरोटिन के स्तर में उतार-चढ़ाव होता है, जो खासकर सोते समय में ही होता है। इस वजह से आपको सिर में दर्दमहसूस हो सकता है।
स्लीप एप्निया: यह एक प्रकार की अवस्था है जो सोने के दौरान होती है। इसमें सांस लेने का दौर कुछ सेकंड रुक कर कुछ मिनट तक का हो जाता है जिससे शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पंहुच पाती और इससे सिर दर्द शुरु हो जाता है।
अवसाद: जो लोग अवसाद से घिरे रहते हैं वह ज्यादा सोते हैं। वह दिमाग जो हतोत्साहित और उदास रहता है उन्हें सिर्फ नींद में ही राहत मिलती है। लेकिन कम शारीरिक गतिविधि की वजह से गर्दन और सिर में दर्द हो सकता है।
कमर दर्द: अगर आपको पीठ में दर्द की शिकायत रहती है तो लंबे समय तक सोना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। दरअसल, जब आप लंबे समय तक पीठ के बल लेटते हैं तो आपकी मांसपेशियों में एक स्टिफनेस आती है, जिससे आपको पीठ में दर्द का अहसास होता है। इसलिए अगर आपको पीठ में दर्द रहता है तो आप अपनी दिनचर्या ऐसी रखें, जिसमें आप ज्यादा एक्टिव हों और उतना ही सोएं जितना वास्तव में आपके लिए आवश्यक है।
क्या है उपचार?
हर इंसान के लिए केवल 8 घंटो तक सोना ही ठीक है। कोशिश करें कि हमेशा अलार्म लगा कर ही सोएं और उससे ज्यादा सोने की कोशिश न करें।
दोपहर में 2-3 घंटे से ज्यादा नहीं सोना चाहिए। रात में सोने से 4-6 घंटे पहले कैफीन, शराब और मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए।
हमेशा एक अच्छा और आरामदेह बिस्तर ही चुने, जिससे सोते समय कोई दिक्कत न हो। बिस्तर पर कभी भी चाय पानी या भोजन ना करें।
सोने से पहले सारी टेंशन को बाहर ही छोड़ कर आएं। सोने से पहले कोई मधुर संगीत सुने या फिर कुछ मिनट ध्यान लगाएं जिससे नींद गहरी और अच्छी आए।