How to Prevent UTI : अक्सर महिलाओं को यह प्रश्न पूछा करती हैं, कि आखिर सेक्स के दौरान uti होने का क्या कारण है? आज हेल्थ शॉट्स आपके इसी सवाल का जवाब लेकर आया है। समझेंगे आखिर सेक्स और यूटीआई के बीच क्या संबंध है।
UTI यानी कि यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन महिलाओं की एक बेहद कॉमन प्रॉब्लम है। अमूमन हर महिला अपने जीवन में एक न एक बार यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन का सामना जरूर करती हैं। यूरिनरी ट्रैक्ट में होने वाले इस संक्रमण के पीछे हानिकारक बैक्टीरिया जिम्मेदार होते हैं, जो कई तरीकों से महिलाओं के यूरिनरी ट्रैक्ट में प्रवेश करते हैं। सेक्स इन्हीं में से एक कारण है ।
कई महिलाओं के मन में यह प्रश्न होता है कि आखिर सेक्स के दौरान UTI होने का क्या कारण है? आज इस आलेकह में हम इसी सवाल का जवाब लेकर आए हैं। आइये जानते हैं कि आखिर सेक्स और यूटीआई के बीच क्या संबंध है। साथ ही हम कुछ प्रिवेंशन टिप्स भी जानेंगे जिनकी मदद से सेक्स के बाद होने वाले UTI के खतरे को कम किया जा सकता है।ALSO READ: इंटिमेट एरिया में जलन या इरिटेशन की है परेशानी, चावल के पानी से मिलेगी राहत
SEX से यूटीआई होने का क्या कारण है
एनस के आस-पास के क्षेत्र में यूटीआई पैदा करने वाले बैक्टीरिया रहते हैं। इंटरकोर्स के अलावा और भी किसी सेक्सुअल एक्टिविटी के कारण बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक के करीब और ऊपर जा सकते हैं और यूटीआई का कारण बन सकते हैं। पुरुष और महिला दोनों को सेक्स से यूटीआई हो सकता है लेकिन महिलाओं में पोस्ट-कोइटल यूटीआई विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
सेक्सुअल इंटरकोर्स: सेक्सुअल इंटरकोर्स का मोशन एनस के आस-पास रहने वाले बैक्टीरिया को यूरिनरी ट्रेक की ओर धकेल सकती है। इस वजह से शरीर में बैक्टीरिया के प्रवेश करने और संक्रमण पैदा करने का जोखिम बढ़ जाता है। सेक्स के कारण इंटिमेट एरिया में जलन हो सकता है। इस जलन से संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है। हालांकि ये सच है कि पेनेट्रेटिव सेक्स यूटीआई का एकमात्र कारण नहीं है। ओरल और मैनुअल सेक्स भी वेजाइनल ओपनिंग में हानिकारक बैक्टीरिया के प्रवेश का कारण बन सकता है, जिससे संक्रमण हो सकता है।
गर्भनिरोधक: कुछ बर्थ कंट्रोल, जैसे कि डायाफ्राम और स्पर्मिसाइड लुब्रिकेंट्स, यूटीआई के जोखिम को बढ़ा देते हैं। डायाफ्राम यूरिनरी ट्रैक्ट की ओर पुश होता है, जिससे इसके ब्लैडर में फंसने की संभावना अधिक होती है। जब ऐसा होता है, तो बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं, जिससे संक्रमण हो सकता है। शुक्राणुनाशक इंटिमेट एरिया के बैक्टिरियल बैलेंस में बदलाव ला सकते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
एनल सेक्स: एनल सेक्स के कारण एनस में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया जेनिटल में पास हो सकते हैं, जिसकी वजह से मूत्र मार्ग का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में अगर कोई आदमी एनल सेक्स कर रहा है, तो उनमें इसका खतरा अधिक होता है।
अनसेफ सेक्स: कई बार लोग बिना प्रोटेक्शन के नियमित सेक्स करते हैं, जिसकी वजह से भी UTI का खतरा बढ़ जाता है। हाइजीन के प्रति बरती गई छोटी सी भी लापरवाही से भी UTI का का ख़तरा बढ़ जाता है। इंटरकोर्स के दौरान एक दूसरे के इंटिमेट एरिया पर मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया एक्सचेंज हो सकते हैं, जिसकी वजह से UTI हो जता है।
UTI के खतरे को कैसे करें कम
सेक्स के पहले और सेक्स के बाद यूरिन पास करना जरूरी है। इससे बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट से बाहर निकल आता है और उन्हें संक्रमण फैलने का समय नहीं मिलता।
सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान प्रोटेक्शन यानी कि मेल और फीमेल कंडोम का इस्तेमाल करें। ताकि एक दूसरे के स्किन पर मौजूद बैक्टीरिया जेनिटल में ट्रांसफर हो कर आपको संक्रमंत न कर सके।
सेक्स से पहले और बाद में हाइजीन का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। अपने इंटिमेट एरिया को आगे से पीछे की ओर अच्छी तरह से क्लीन करें।
अपने जन्म नियंत्रण पर ध्यान से विचार करें। यदि आप डायाफ्राम या शुक्राणुनाशक का उपयोग करती हैं, तो ये स्वस्थ बैक्टीरिया को मार सकते हैं, जो कीटाणुओं को नियंत्रित रखते हैं। इसलिए इनके इस्तेमाल से बचें।
लुब्रिकेंट का उपयोग करें, सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान लगातार फ्रिक्शन होने की वजह से इंटिमेट एरिया के आसपास जलन हो सकती है। वहीं कई बार कट लगने की वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, लुब्रिकेंट आपके इंटरकोर्स को बेहद स्मूद बना देता है।
यूटीआई के खतरे को करने के लिए रखें इन बातों का ध्यान
इंटिमेट एरिया पर डौश, पाउडर या स्प्रे का उपयोग न करें। इससे हेल्दी बैक्टीरिया का प्रभाव कम हो जाता है जिससे की हानिकारक बैक्टीरिया हावी हो कर संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
स्टूल पास करने के बाद अपने एनस को अच्छी तरह से साफ करें, क्योंकि सबसे ज्यादा हानिकारक बैक्टीरिया इसी एरिया में होते हैं, जिनकी वजह से इंटरकोर्स के दौरान संक्रमण के ट्रांसफर होने का खतरा बढ़ जाता है।
नियमित रूप से प्रोबायोटिक जैसे की दही, कंबूजा, अचार आदि का सेवन करें। इससे UTI का खतरा कम होता है, इसके अलावा क्रैनबेरी जूस भी बचाव में आपकी मदद कर सकती है।
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