आज के समय में अनिश्चित दिनचर्या के चलते युवाओं में शुगर, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग आदि की समस्याएं बढ़ी हैं। 30 से 50 साल की आयु में किसी भी बीमारी से सेहत पर अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके पहले या बाद में एक बार व्यक्ति हृदयाघात से बच भी सकता है, मगर युवावस्था में बचने की संभावना बहुत कम होती है।
मशीनों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। किशोरावस्था में जंक फूड, फास्ट फूड, फ्राइड फूड की बढ़ोतरी हो जाती है। इसमें नमक, शकर और वसा की अधिकता होती है। यही चीजें पाचनतंत्र को बिगा़ड़कर बीमारियों को निमंत्रण देती हैं।