चाय पीने से कैफीन से मूत्र वृद्धि होने से दूषित मल जिसका शरीर से मूत्र के रास्ते निकल जाना आवश्यक होता है वह शरीर अन्दर ही संचित होने लगता है जिसके फलस्वरुप गठिया दर्द, गुर्दे संबंधी रोग तथा हृदय संबंधी रोग होने लगते हैं।
अधिक चाय का सेवन करने से एसिड के कारण पेट फूलना, पेट दर्द, कब्ज, एसिडिटी, बदहजमी, नींद न आना, दांत पीले होना जैसे रोग रोग पैदा होने लगते हैं।
चाय के अत्यधिक प्रयोग से उसमें पाया जाने वाला कैफीन टैनिन नामक विष चाय के प्रभाव को अत्यधिक उत्तेजनाप्रद बनाते हैं। इसका मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पडता है। जैसे-जैसे चाय का नशा बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे हृदय रोग,मानसिक रोगों में भी बढ़ोतरी होती जा रही है।