रोड पर चलते हुए हेडफोन, गाड़ी चलाते समय हेडफोन, गार्डन में वॉक करते हुए हेडफोन, जिम में हेडफोन, लैपटॉप पर काम करते समय हेडफोन, कुछ पढ़ते वक्त हेडफोन... और तो और ये हेडफोन्स वाशरूम में भी आपका पीछा नहीं छोड़ रहे। अधिकतर लोग आसपास की आवाज़ों से बचने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं, पर वे यह नहीं जानते कि हेडफोन कानों के साथ दिमाग के लिए भी खतरनाक हो सकता है। अगर टीनएजर्स को देखा जाए, तो जब भी घर में डांट पड़ रही होती है या बड़े कुछ समझाने की कोशिश कर रहे होते हैं तब वे हेडफोन लगाकर बात को अनसुना कर जाते हैं। साफ है कि बात को अनसुना करना हो तो हेडफोन लगाकर आगे बढ़ जाओ। अगर आपको लगता है कि हेडफोन्स हमारे मूड को रिफ्रेश करने में बहुत मदद करते हैं, यहां तक तो ठीक है, लेकिन इसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल आपको हमेशा के लिए बहरा बना सकता है।