हमारे शरीर में सॉफ्ट टिशू ट्यूमर होते हैं लेकिन सभी खतरनाक नहीं होते है। आमतौर पर ये सार्कोमा, फैट, मसल्स, नर्व्स, फाइबर टिशू, रक्त धमनी या डीप स्किन टिशू में विकसित होता है। लेकिन जब सॉफ्ट टिशू में कैंसर की शुरुआत होती है तब यह मुख्य तौर पर हाथ या पैर से होता है और तभी इसके साथ सार्कोमा शब्द जुड़ जाता है, तो इसका मतलब है कि उस ट्यूमर में कैंसर विकसित हो गया है और वह घातक है।
1. शरीर के किसी भी हिस्से में कोई नई गांठ दिखे या फिर कोई गांठ जो बढ़ रही हो।
2. पेट में दर्द जो हर दिन धीरे-धीरे बढ़ रहा हो।
3. स्टूल (मल) या वॉमिटिंग में खून आना।
4. शरीर में कहीं भी गठान होना।
5. पेट में कई बार असहनीय दर्द होना।
6. स्टूल (मल) का रंग काला आना या उसके साथ ही ब्लीडिंग होना।
नोट : ऐसे कोई भी लक्षण दिखने पर उन्हें गंभीरता से लें और डॉक्टर की सलाह अनुसार एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई जैसी जांच करवा कर सॉफ्ट टिशू कैंसर होने व नहीं होने की पुष्टि करें।