Stay Positive : जीवन में कैसे लाएं सकारात्मकता, जरूर जानिए
जीवन में आए उतार-चढ़ाव हमें अक्सर नकारात्मक विचारों की ओर ले जाते हैं। हम में से अधिकांश लोग ऐसे हैं, जो कभी भविष्य को लेकर, तो कभी अतीत को लेकर चिंता में डूबे रहते हैं। वर्तमान में जीना और उस सुख का आनंद लेना मानो हमें आता ही न हो? खुद के भविष्य की चिंता या जीवन में आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए हम सिर्फ भागते रहते हैं, लेकिन संतुष्टि हासिल नहीं हो पाती और हम फिर से किसी नई रेस की तैयारी में जुट जाते हैं।
ये विचार हमें जीवन का पूरा आनंद लेने से रोकते हैं और नकारात्मकता की ओर धकेलते हैं। जीवन में किसी चीज को पाने की लालसा और उसके न मिल पाने से उत्पन्न चिंता व तनाव हमें जीवन का सुख उठाने ही नहीं देते। आप खुद बताएं कि जीवन में कितनी बार आपको नकारात्मक विचार आए, शायद बहुत बार? सही है न? और यही विचार हमें उदास और विचलित कर सकते हैं। इसके लिए आपको नकारात्मकता के घेरे को तोड़ना होगा और खुद को सकारात्मक करना होगा। इसके लिए आप यौगिक तरीकों को अपने जीवन में शामिल करके सकारात्मकता ला सकते हैं और तभी आप अपने जीवन में नकारात्मकता से बच पाएंगे।
हालांकि सकारात्मक सोच कोई जादुई पिटारा नहीं है जिसके आते ही सारी परेशानी दूर हो जाए। लेकिन बेशक आप उन परेशानियों का सामना एक सही सोच के साथ तो कर पाएंगे, वहीं आप समस्या से निपटने के लिए तैयार रहेंगे वो भी बिना परेशान हुए।
इन बातों के साथ आप अपने जीवन में सकारात्मकता ला सकते हैं:-
योग आसन से न सिर्फ आप शारीरिक रूप से फिट रहते हैं बल्कि मानसिक रूप से भी खुद को मजबूत रख सकते हैं। यदि आप उन लोगों में शुमार हैं, जो बहुत जल्दी परेशान हो जाते हैं, तो आपको आज से ही योग को अपने जीवन में शामिल करने की जरूरत है।
प्राणायाम का नियमित अभ्यास आपको मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह आपकी सांसों पर काम करता है। इसके अभ्यास से आप खुद पाएंगे कि आप सकारात्मक पक्ष की ओर बढ़ रहे हैं।
'ॐ' का अभ्यास
अगर आप अपने आस-पास सिर्फ सकारात्मकता रखना चाहते हैं तो 'ॐ' का अभ्यास करना शुरू कर दें। इसे आप सुबह-शाम दोनों समय 5 बार करें, इससे आप तनावरहित महसूस करेंगे। और जिस स्थान पर आप 'ॐ' का अभ्यास कर रहे हैं, जैसे घर के जिस भी कमरे में आप 'ॐ' का अभ्यास कर रहे हैं, उस कमरे में खुद-ब-खुद सकारात्मकता का वास होगा।
नकारात्मक विचार, जो आपको परेशान करते हैं, उनसे बचने के लिए आपको इन विचारों से दूर रहना होगा, खासकर जब आप जानते हैं कि आप इसे सुधारने के लिए कुछ नहीं कर सकते। प्रत्येक अनुभव से सीखें और आगे बढ़ें। जितनी जल्दी आप आगे बढ़ेंगे, समस्याएं उतनी ही कम होंगी। साथ ही खुद को दोष देना छोड़ दें, क्योंकि व्यक्ति गलतियों से ही सीखता है।
मेडिटेशन को अपने जीवन में शामिल करें। इसकी सहायता से आप खुद को तनावमुक्त पाएंगे।