हर सुबह आप सबसे पहले जिस चीज़ को अपने मुंह में डालते हैं उसका आपके स्वास्थ्य पर कैसा असर होता है आप इससे अंजान हैं। टूथपेस्ट से होती है दिन की शुरूआत और अब तक आपने सिर्फ इसके फायदे ही जाने हैं। मुंह की सफाई, दांतों की सफाई, तरोताज़गी और हर तरह की मुंह की तकलीफों से लड़ने वाला टूथपेस्ट आपकी ज़िंदगी का अभिन्न अंग है। तो क्या होगा जब आपको पता चलेगा कि टूथपेस्ट के फायदों से ज़्यादा तो इसके नुकसान हैं।
आपको भरोसा नहीं होगा या भरोसा करना नहीं चाहेंगे। टूथपेस्ट का टेस्ट इतना बढ़िया है। इसके इस्तेमाल के बाद आप इतना अच्छा महसूस करते हैं। आप कहेंगे हमारा टूथपेस्ट नुकसान नहीं करता होगा बाकि शायद करते हों। अगर आप इन सभी विचारों के साथ ये मानने के लिए तैयार नहीं कि आपका टूथपेस्ट नुकसान करता है तो आपको तगड़ा झटका लगने वाला है।
आपके टूथपेस्ट में स्वाद, रंग, ताज़गी और सफाई करने के लिए कुछ खास चीज़ें डाली जाती हैं। इन सभी के एक खास मात्रा में मिश्रण के बाद ही आपका टूथपेस्ट तैयार हो पाता है। इन चीज़ों के कुछ ऐसे साइडइफेक्ट हैं जिनसे आपको अंजान रखा गया क्योंकि शायद इन्हें जानने के बाद आप टूथपेस्ट को हाथ तक नहीं लगाते। टूथपेस्ट में हैं ये 6 चीज़ें जो बना रही हैं इसे आपके लिए नुकसानदायक।
1. फ्लूराइड
यह ऐसी पहली चीज़ है जिसके कारण टूथपेस्ट को थोड़ा दवाई और थोड़ा कॉस्मेटिक माना जाता है। लंबे समय तक इसके इस्तेमाल से दांतों में मज़बूती आ सकती है लेकिन जहां तक सफाई का सवाल है यह इसमें सक्षम नहीं। एक्सपर्ट का मानना है कि फ्लूराइड ज़हरीला है। ऐसे में टूथपेस्ट को पूरा उगल देने की सलाह दी जाती है। बच्चों द्वारा टूथपेस्ट के उपयोग में विशेष सावधानी की ज़रूरत है कि वे इसे निगल न लें। लंबे समय तक इसके इस्तेमाल से दिमाग, पाचनतंत्र, दिल, हड्डियों और यहां तक कि दांतों पर होने वाली प्राकृतिक परत, जिसे इनेमल कहते हैं, को नुकसान पहुंचता है।
2. फॉम या झाग
क्या आपने कभी सोचा कि झाग तो साबुन, शैम्पू और हैंडवॉश में बनता है। ये सभी चीज़ें तो सफाई के लिए है और इनमें से एक भी आप मुंह में लेने का नहीं सोच सकते। जब टूथपेस्ट में झाग बनता है तो आपने कभी सोचा क्यों नहीं? आपको इस झाग से सफाई की फीलिंग आती है। सोडियम लॉरेल सल्फेट इस झाग की वजह है। आपको इसी के कारण मुंह में सफाई जैसा लगता है। झाग में बने बुलबुले आपके दातों को स्क्रब करते हैं लेकिन इनका नुकसान तब होता है जब ये आपको नाज़ुक मसूड़ों से भी टकराते हैं।
3. पॉलिशिंग एजेंट
अधिकतर टूथपेस्ट में हायड्रेटेट सिलिका का इस्तेमाल होता है। यह आपके दांतों की पॉलिश करता है। सिलिका पॉलिश करने और सफेदी लाने का काम करती है। आपके दांत इसके इस्तेमाल से उतने ही सफेद होते हैं जितना कोई डॉक्टर व्हाइटनिंग ट्रीटमेंट कर रिज़ल्ट दे सकता है। इससे सिर्फ ऊपरी परत साफ होती है।
4. डिसेंसिटाइज़र्स
दांत गर्म, ठंडे और मीठे के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं। आप कुछ खाते हैं और आपको दांतों में झनझनाहट का एहसास होता है। इस समस्या से बचने के लिए टूथपेस्ट में पोटेशियम नाइट्रेट या स्टेनोस फ्लूराइड मिलाए जाते हैं। इनसे आपकी सेंसिटिविटी महसूस होना बंद हो जाती है। अगर समस्या कैविटी की है (दांतों के बीच जगह हो जाना) तो यह सिर्फ समस्या को दबाना है, उसका सही इलाज नहीं।
5. टारटार कंट्रोल
ये जलता है। अगर आपके टूथपेस्ट में जलन का अनुभव हो या तीखा लगे तो मान लीजिए कि उसमें टेट्रासोडियम पायरोफॉस्फेट मिला है। यह आपके सामने के नीचे के दांतों को अंदर की तरफ से सुरक्षा करता है। इसकी थोड़ी मात्रा दांतों के लिए अच्छी है लेकिन अधिक मात्रा में इस्तेमाल से यह जमने लगता है।
6. ट्राइक्लोसन
इसका काम दांतों और मसूड़ों के बीच इंफेक्शन रोकना है। अगर आपके दांतों की पहले से ही सफाई हो रही है तो यह एक एडीशनल और बेकार की चीज़ है। इसके नुकसान अभी शोध के विषय हैं किंतु इतना आसानी से कहा जा सकता है कि अत्यधिक मात्रा में इस्तेमाल से नुकसान ज़रूर होगा।