पिछले दो सालों से कोविड का प्रकोप जारी है। लगातार म्यूटेट हो रहे वैरिएंट इंसानों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक वैरिएंट्स के थमने का सिलसिला अभी थमने वाला नहीं है। WHO की कोविड-19 टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोवे ने बताया कि कोविड का नया वैरिएंट ज्यादा खतरनाक होगा। क्योंकि वह मौजूदा वैरिएंट को ओवरटेक करेगा। ऐसे में वह माइल्ड और गंभीर दोनों हो सकता है। यहां तक की इम्युनिटी को भी मात दे सकता है।
कोविड के नए वैरिएंट कैसे बनते हैं?
वायरस में समय के साथ बदलाव करता है। जिससे वह नेचर के साथ सर्वाइव कर सकें। कुछ वायरस ऐसे भी होते हैं जो तेजी से अपने गुण नहीं बदलते हैं और कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें जिनोम सीक्वेंस के बिना ट्रेस नहीं किया जा सकता।ऐसे में इंसानों के लिए खतरा पैदा करते हैं और नए इजाद होते हैं। कौन -सा वैरिएंट खतरनाक है इसमें WHO की अहम भूमिका होती है। कोई सा भी वैरिएंट कितना खतरनाक होता है उस आधार पर वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया जाता है।
अभी तक इन वायरस को वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया जा चुका -
WHO द्वारा अभी तक 5 वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया जा चुका है। अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और ओमिक्रॉन। यह वायरस इंसानों में तेजी से फैले थे। वहीं डेल्टा वैरिएंट सबसे अधिक खतरनाक रहा। नेचर जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक अल्फा बीटा और गामा तीनों वैरिएंट ही खराब है। यह तीनों वैरिएंट कमजोर इम्यूनिटी वालों को अपना टारगेट बनाते हैं।