क्या है बोन मैरो कैंसर, कैसे जानें और कराएं इसका इलाज?
मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021 (06:32 IST)
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार साल 2018 में पूरे दुनिया में करीब 96 लाख लोगों की मौत कैंसर की वजह से हुई है। कैंसर तेजी से दुनियाभर में होने वाली एक आम बीमारी है, लेकिन वक्त रहते अगर कैंसर का इलाज नहीं किया गया तो यह जानलेवा बीमारी भी बन जाती है।
आखिर क्या है बोन यह कैंसर?
बोन मैरो कैंसर को ब्लड कैंसर (Blood Cancer) भी कहते हैं। दरअसल बोन मैरो कैंसर रेयर कैंसर की श्रेणी में आता है। यह तब होता है, जब मैरो में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। कई बार लोग यह समझने में गलती कर देते हैं कि यह हड्डियों का कैंसर है। बोन मैरो कैंसर अलग-अलग तरह के होते हैं।
यह कैंसर अलग-अलग तरह के होते हैं और यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि यह शरीर में किस तरह की कोशिकाओं पर अपना प्रभाव डालती हैं। इस आर्टिकल में आगे जानिए बोन मैरो कैंसर के प्रकार।
मल्टीपल मायलोमा: यह सबसे सामान्य तरह का बोन मैरो कैंसर है, प्लाज्मा सेल्स को प्रभावित करता है। ल्यूकीमिया: व्हाइट ब्लड सेल्स को प्रभावित करने वाले सेल्स को ल्यूकीमिया कहते हैं। लिम्फोमा: लिम्फ नोड्स को प्रभावित करने वाली स्थिति को लिम्फोमा कहते हैं।
क्या है इस कैंसर के लक्षण?
जिस तरह से बोन मैरो कैंसर अलग-अलग तरह के होते हैं, ठीक वैसे ही इसके लक्षण भी अलग-अलग तरह के होते हैं। ये लक्षण इस प्रकार हैं:
मल्टीपल मायलोमा (Multiple myeloma) के लक्षण
अत्यधिक कमजोरी और थकावट महसूस होना
बार-बार प्यास लगना
बार-बार टॉयलेट जाना
शरीर में पानी की कमी महसूस करना
हड्डियों में दर्द महसूस होना
पेट दर्द होना
किडनी डैमेज होना या किडनी फेलियर होना
ल्यूकीमिया (Leukemia) के लक्षण-
शरीर का तापमान बढ़ना (बुखार आना)
कमजोरी महसूस होना
बार-बार इंफेक्शन होना
अत्यधिक पसीना आना
रात के वक्त ज्यादा पसीना आना
हड्डियों में दर्द होना
लिम्फोमा (Lymphoma) के लक्षण:
बॉडी में सूजन आना विशेष रूप से गर्दन, अंडरआर्म, हाथ, पैर या कमर में सूजन आना
भूख नहीं लगना या पेट भरा हुआ महसूस करना
सीने और कमर में दर्द महसूस होना
शरीर पर निशान (चकत्ते का निशान) पड़ना
वजन बढ़ना
रात के वक्त पसीना आना
शरीर में इचिंग होना या रैशेसज पड़ना
ठंड लगना और बुखार आना
जरूरत से ज्यादा बॉडी वेट कम होना
नसों में दर्द होना
बॉडी सुन्न होना या झुनझुनी महसूस होना
बोन मैरो कैंसर के कारण क्या हैं?
केमिकल्स, क्लीनिंग प्रोडक्ट्स या एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स के संपर्क में आना
ऑटोमेटिक रेडिएशन के संपर्क में आना
कुछ खास वायरस जैसे एचआईवी, हेपेटाइटिस, रेट्रोवायरस या हर्पिस वायरस
प्लाज्मा डिसॉर्डर या सप्रेसेड इम्यून सिस्टम
जेनेटिक हिस्ट्री (परिवार में किसी को बोन मैरो कैंसर होना)
पहले की गई कीमोथेरिपी या रेडिएशन थेरिपी
स्मोकिंग करना
अत्यधिक एल्कोहॉल का सेवन करना
शरीर का वजन सामान्य से ज्यादा बढ़ना
इन ऊपर बताये कारणों के अलावा अन्य कारण हो सकते हैं। इसलिए अपनी सेहत पर ध्यान दें और कोई तकलीफ या परेशानी महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
क्या है इस कैंसर का इलाज?
बोन मैरो कैंसर के लक्षण नजर आते हैं, तो डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री जानने के बाद टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। इनमें शामिल है:
ब्लड टेस्ट- ब्लड टेस्ट के माध्यम से ब्लड काउंट पर भी ध्यान दिया जाता है। ब्लड टेस्ट से ही ट्यूमर मार्क्स को भी समझने में सहायता मिलती है।
यूरिन टेस्ट- इस टेस्ट की मदद से प्रोटीन लेवल और किडनी फंक्शन को समझने में सहायता मिलती है।
इन दोनों टेस्ट के अलावा- एमआरआई, सीटी स्कैन, पीईटी एवं एक्स-रे करवाने की सलाह दी जाती है।