ह्यूस्टन। वैज्ञानिकों ने एक नया इलेक्ट्रॉनिक उपकरण विकसित किया है, जो वातावरण में मौजूद जल के कणों के संपर्क में आकर घुल सकता है। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि इससे ऐसे इलेक्ट्रॉनिक और जैव चिकित्सकीय शारीरिक उपकरण बनाए जा सकते हैं, जो उपयोग के बाद शरीर के भीतर ही घुल जाएंगे।
अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि यह अनुसंधान बिलकुल नई कार्यप्रणाली के बारे में बताता है जिसमें आसपास की नमी के जरिए द्रवीकरण को सक्रिय किया जा सकता है। इस तकनीक के इस्तेमाल के जरिए, एक जैव चिकित्सकीय इम्प्लांट को इस तरह से प्रोग्राम किया जा सकता है कि जब उसका काम (उदाहरण के लिए दवा रिलीज करने का काम) खत्म हो जाए तो वे अपने आप लुप्त हो जाए।