पत्रिका 'वर्ल्ड साइकैट्री' में प्रकाशित एक अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि इंटरनेट, बोध के विशिष्ट क्षेत्रों में सघन एवं दीर्घकालिक परिवर्तन कर सकता है जिससे मस्तिष्क में परिवर्तन प्रतिबिम्बित हो सकते हैं।
अनुसंधानकर्ताओं ने इस संबंध में अग्रणी परिकल्पनाओं की जांच की, कि किस तरह से इंटरनेट बोध प्रक्रियाओं को परिवर्तित कर सकता है। अनुसंधानकर्ताओं ने इसके साथ ही इसकी भी पड़ताल की कि ये परिकल्पनाएं किस सीमा तक हाल के मनोवैज्ञानिक, मनोरोग और न्यूरोइमेजिंग अनुसंधान के निष्कर्षों से समर्थित हैं।