कॉस्मेटिक सर्जरी अब आम बात हो गई है और इसे कराना सभी के लिए संभव है। कॉस्मेटिक सर्जरी प्लास्टिक सर्जरी का ही एक अंग है। प्लास्टिक सर्जरी में किसी भी प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करते हैं। प्लास्टिक शब्द यूनानी शब्द 'प्लास्टिकॉस' से आया है, जिसका अर्थ है वह चीज, जिसे आकार दिया जा सके।
प्लास्टिक सर्जरी द्वारा शरीर को खूबसूरत बनाने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है? प्लास्टिक सर्जन सिर के बाल से लेकर पाँव के नाखून तक का ऑपरेशन करते हैं। हर व्यक्ति अपना चेहरा सैकड़ों बार आईने में देखता है और वहाँ पर विराजमान चोट के निशान, लांछन, मुँहासे के दाग या मोटी, चौड़ी या बैठी हुई नाक या फिर बहुत मोटे होंठ या छोटी ठुड्डी या आँख के नीचे भारीपन या सिर का गंजापन, ये अपने आपमें बहुत ही साधारण एवं सामान्य लगने वाली चीजें कई लोगों के मन पर गहरा आघात पहुँचाती हैं और वे इससे निजात पाना चाहते हैं। प्रायः खूबसूरत दिखने वाले लोग ही अधिकतर कॉस्मेटिक सर्जरी करवाने आते हैं, क्योंकि वे और अधिक बेहतर दिखना चाहते हैं। पिछले तीन दशक से सिलिकॉन नामक पदार्थ का प्रयोग एक नया अध्याय है।
चोट के निशान, लांछन, मुँहासों के दाग एवं सफेद दाग
ऑपरेशन द्वारा निशान को कम किया जा सकता है, किंतु गायब नहीं किया जा सकता है। निशान कम हो जाने से भी चेहरे पर काफी परिवर्तन नजर आने लगता है। इसी तरह छोटे लांछन, तिल या सफेद दाग को भी निकाला जा सकता है। मुँहासे या चेचक के दाग के लिए चमड़ीका प्रत्यारोपण नहीं किया जाता, बल्कि उस खराब चमड़ी को हीरे के डर्माब्रेडर से घिसकर या लेसर द्वारा यथासंभव समतल बनाने की कोशिश की जाती है।
नाक के ऑपरेशन
पूर्णतः बड़ी या सिर्फ नीचे से चौड़ी नाक को बिना कोई बाहरी निशान छोड़े सुडौल बनाया जा सकता है। इसमें नाक की हड्डी को चटका कर पास में लाते हैं, ताकि ऊपर का चौड़ापन कम हो और नीचे कार्टिलेज को तराशते हैं, जिससे नाक सुडौल दिखे। इसी तरह नाकके टेढ़ेपन को दूर किया जा सकता है या बैठी हुई नाक को ऊपर उठाया जा सकता है या फिर बहुत ही उठी हुई नाक को कम ऊँचा किया जा सकता है। इसी तरह कटे हुए होंठ के कारण उभरी नाक की विकृति को भी ठीक कर सकते हैं।
आँख या पलक के ऑपरेशन
कई व्यक्ति शिकायत करते हैं कि उनकी आँखों के नीचे हमेशा सूजन-सी बनी रहती है और ऐसा लगता है जैसे कि रात को सोए न हों। यह नीचे की पलक में चर्बी जमा हो जाने से होता है। ऐसा ही जब ऊपर की पलक में होता है तो आँख भारी महसूस होती है या चीनी व्यक्तियों जैसी दिखती है। ऑपरेशन द्वारा चर्बी एवं अतिरिक्त चमड़ी को निकाल देने से आँखें जवान नजर आने लगती हैं एवं चेहरे पर ताजगी झलकती है।
चेहरे की झुर्रियाँ
गोरी चमड़ी, बहुत ज्यादा सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग, धूप आदि से चेहरे पर झुर्रियाँ कम उम्र में भी आ जाती हैं और जल्दी ही बुढ़ापा
नायलॉन के धागे से बहुत छोटे ऑपरेशन द्वारा लटके हुए चेहरे को सुडौल बनाया जा सकता है
झलकने लगता है। बॉटाक्स के इंजेक्शन द्वारा आँखों के पास की एवं माथे की झुर्रियों को कम किया जा सकता है। ऑपरेशन द्वारा भी झुर्री वाली चमड़ी को निकाल देते हैं और कान के पीछे टाँके लगा देते हैं, जिससे निशान बहुत कम नजर आते हैं और चेहरे पर पुनः जवानी नजर आने लगती है। इसी ऑपरेशन से ठुड्डी के नीचे लटकती गरदन की चमड़ी को भी खींचकर गर्दन को और सुडौल बनाया जा सकता है। डबल दिखने वाली ठुड्डी की चर्बी को भी कम किया जा सकता है।
थ्रेड लिफ्ट : नायलॉन के धागे से बहुत छोटे ऑपरेशन द्वारा लटके हुए चेहरे को सुडौल बनाया जा सकता है।
होंठ, गाल एवं छोटी ठुड्डी
कई बार एक बहुत ही आकर्षक चेहरे पर छोटी-सी ठुड्डी होने से चेहरे का संतुलन बिगड़ा हुआ नजर आता है। इस ऑपरेशन में सिलिकॉन की एक परत ठुड्डी के ऊपर रख देते हैं। गाल पर डिम्पल बना सकते हैं या होंठ को छोटा या बड़ा कर सकते हैं। इससे बाहर कोई निशान नजर नहीं आता। अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत भी नहीं है और छोटे से ऑपरेशन से चेहरा बहुत आकर्षक बनाया जा सकता है।
स्तन/वक्ष को सुडौल (बड़ा या छोटा) बनाने का ऑपरेशन
जन्म से अविकसित या विकृत वक्ष को बड़ा या ठीक किया जा सकता है। दोनों वक्ष जब छोटे हों तो उन्हें ऑपरेशन द्वारा सिलिकॉन इम्पलांट अंदर डालकर बड़ा किया जा सकता है। बहुत बड़े वक्ष से चर्म रोग या गर्दन में दर्द उत्पन्न हो सकता है। बड़े वक्ष को छोटा एवं सामान्य बनाया जा सकता है। इसी तरह कैंसर के कारण निकाले हुए वक्ष की जगह पुनः नया वक्ष भी बनाया जा सकता है। पुरुषों के भारी वक्षों को भी कम किया जा सकता है।
गंजेपन का इलाज
जिन व्यक्तियों के सिर पर आगे की ओर या आगे से लेकर सिर के ऊपरी भाग तक गंजापन है और परिधि में बाल अच्छी मात्रा में हैं, उन्हें ऑपरेशन द्वारा बेहतर बनाया जा सकता है। इसके लिए तीन प्रकार के ऑपरेशन संभव हैं। 3 से 4 मिमी की बाल सहित चमड़ी पीछे से गोलाकार में निकालकर आगे जहाँ बालों की जरूरत है, वहाँ पर पास-पास प्रत्यारोपित की जाती है। जहाँ से चमड़ी निकालते हैं, वहाँ घाव नहीं रहता है। यह ऑपरेशन 2 से 3 बार करना पड़ता है। दूसरी पद्धति में दोनों साइड से चमड़ी एवं बाल की पट्टी को उसकी रक्त वाहिनी के साथ आगे की ओर ले आते हैं। तीसरी पद्धति फुग्गा या बलून पद्धति कहलाती है। इसमें सिलिकॉन के फुग्गे को बालों के नीचे लगाकर इस चमड़ी को क्षेत्रफल में दुगुना कर लेते हैं।
लायपोसक्शन
मोटापा कम करने के लिए जमा चर्बी को लायपोसक्शन द्वारा खींचकर निकाला जा सकता है। यह पद्धति वजन कम करने के अलावा जो चर्बी कसरत या आहार नियंत्रण द्वारा कम नहीं हो रही है, उसे कम करने में मददगार होती है। जिनका पेट बहुत बड़ा एवं लटका हुआ हो, उनमें एबडॉमिनोप्लास्टी की जरूरत होती है। इसमें चीरा लगाकर चर्बी एवं उसके साथ शिथिल चमड़ी और झुर्रियों को निकाल देते हैं और पेट को सुडौल बना सकते हैं। इस विधि से पेट, जाँघ, पुट्ठे, कमर, स्तन, हाथ और ठुड्डी की चर्बी को कम किया जा सकता है।