सुगंध का इतिहास बड़ा पुराना है। राजा-महाराजाओं के काल में विभिन्न प्रकार के इत्र-सुगंधादि के वर्णन पढ़ने को मिलते हैं। केसर, गुलाब, केवड़ा, मोगरा, चमेली, चंदन तथा लोबान आदि सुगंध न सिर्फ मन को बहलाने के लिए इस्तेमाल की जाती थी, बल्कि इनके द्वारा रोगों का उपचार भी संभव था। इन्हीं प्राचीन उपचार पद्धतियों को आजकल फिर से अपनाया जा रहा है। प्रस्तुत है कुछ महत्वपूर्ण सुगंधित तेलों की उपयोगिता की जानकारी :