Book Launch Event : रिश्तों को ऊष्मा देती सहज़ लघुकथाएं- रश्मि चौधरी की नव प्रकाशित पुस्तक में उनकी रचनाएं भारतीय परिवेश को रेखांकित करती हैं। आज साहित्य के परिदृश्य में परिवर्तन आया है और यह परिवर्तन इसी बात का द्योतक है कि हम अपनी परंपराओं और परिवार व्यवस्था को बचाने के लिए सशक्त मुद्रा में खड़े हो गए हैं।
यह वक्तव्य डॉ विकास दवे (निदेशक मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी) ने मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति इंदौर में श्रीमती रश्मि चौधरी के लघुकथा संग्रह संवेदनाओं का स्पर्श के विमोचन समारोह में दिया। पुस्तक पर चर्चा करते हुए साहित्यकार ज्योति जैन ने कहा कि 'लेखन के विषय हमारे समाज से ही प्राप्त होते हैं। यह लेखक के नजरिए पर निर्भर करता है कि वह सीधे व्यक्तिगत कटाक्ष से लेखन को विकृत करता है या सही शिल्प के साथ लेखकीय सौंदर्य को उजागर करता है।
रश्मि की लघुकथाओं की विशेषता यही है कि वह जलती आंखों पर रुई के ठंडे फाहे के समान प्रतीत होती हैं। मिट्टी के लड्डू, गहना, पिंकू, लिफाफा, फूटे फुग्गे, रंगीन उजाले जैसी लघुकथाओं के माध्यम से रश्मि की लघुकथाएं बेहद सकारात्मक संदेश देती है साथ ही पर्यावरण के प्रति सजगता भी दिखाती है।'