इंटरनेट पर हिन्दी के उपयोग से हुई आसानी ने हर हिन्दीभाषी को दुनिया के सामने अपनी बात रखने का अवसर दिया और इस अवसर का माध्यम बनी ब्लॉगिंग। यूँ तो इंटरनेट पर ब्लॉग लिखने की सुविधा लंबे समय से थी लेकिन अंग्रेज़ी में ब्लॉग लिखना केवल प्रबुद्ध वर्ग का काम समझा जाता था। हिन्दी ने इसे आमजन का मंच बना दिया और अब हर कोई अपने विचार मुक्त रूप से रख सकता था।
इसने हिन्दी के पाठकों, प्रेमियों और विचारकों को अपनी अभिव्यक्ति का ऐसा विशाल कैनवास दिया जहां हर तरह की अनुभूतियां अपने रंग सजाने लगी। पहली बार हिन्दी में 2002 अक्टूबर में ब्लॉग लिखा गया। विनय और आलोक ने अपने ब्लॉग में हिन्दी लेख लिखने शुरू किए लेकिन इसमें अंग्रेजी के भी आलेख थे।
अभिव्यक्ति की वास्तविक, त्वरित, और कम खर्चीली स्वतंत्रता जैसी एक ब्लॉग दे सकता है, वह किसी अन्य माध्यम में उपलब्ध नहीं है। ब्लॉगर, ब्लॉगस्पॉट, वर्डप्रेस, मायस्पेस और वेबदुनिया पर पहले माय वेबदुनिया और वर्तमान में 'मेरा ब्लॉग' हिन्दी में ब्लॉगिंग की सुविधा दे रहा है।