योग एक स्वस्थ और शांतिपूर्ण जीवन का मार्ग, पढ़ें योग दिवस पर हिन्दी में निबंध

WD News Desk

शुक्रवार, 20 जून 2025 (10:14 IST)
Yoga Day 2025 Essay: 21 जून को हर साल विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत की प्राचीनतम और अमूल्य देन 'योग' के वैश्विक महत्व को स्वीकार करने और लोगों को इसके शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभों से अवगत कराने के लिए समर्पित है। योग केवल एक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक कला है, एक संपूर्ण विज्ञान है जो व्यक्ति को स्वयं से जोड़ता है और प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने में मदद करता है।
 
योग का अर्थ और इतिहास : 'योग' शब्द संस्कृत के 'युज' धातु से बना है, जिसका अर्थ है 'जोड़ना' या 'एकजुट करना'। यह आत्मा का परमात्मा से मिलन, मन का शरीर से और मनुष्य का प्रकृति से जुड़ाव स्थापित करता है। योग का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। प्राचीन काल से ही भारत के ऋषि-मुनि और योगी आत्म-ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति के लिए योग का अभ्यास करते रहे हैं। महर्षि पतंजलि द्वारा रचित 'योग सूत्र' को योग के व्यवस्थित दर्शन का आधार माना जाता है।
 
आधुनिक युग में योग को वैश्विक पहचान दिलाने में भारत का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 27 सितंबर 2014 को, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव को 177 देशों का अभूतपूर्व समर्थन मिला और 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया। 
 
कब मनाया गया पहला विश्व योग दिवस : पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को पूरे विश्व में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया था। 21 जून को ही इस दिवस को मनाने का कारण यह है कि यह उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं। यह दिन ऊर्जा और प्रकाश का प्रतीक माना जाता है, जो आध्यात्मिक साधना के लिए विशेष रूप से शुभ होता है।
 
योग के लाभ: शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक योग के लाभ बहुआयामी हैं, जो व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करते हैं:
 
• शारीरिक लाभ: योग शरीर को लचीला बनाता है, मांसपेशियों को मजबूत करता है और हड्डियों को स्वस्थ रखता है। यह रक्त परिसंचरण में सुधार करता है, पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और श्वसन संबंधी समस्याओं जैसे अस्थमा में राहत प्रदान करता है। नियमित योगाभ्यास से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे शरीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम होता है। यह वजन प्रबंधन और शरीर को स्वस्थ् करने में भी सहायक है।
 
• मानसिक लाभ: योग मन को शांत और स्थिर करता है। यह तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में अत्यंत प्रभावी है। प्राणायाम/ श्वास नियंत्रण और ध्यान का अभ्यास मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाता है, एकाग्रता शक्ति बढ़ाता है और मानसिक स्पष्टता प्रदान करता है। यह अच्छी नींद को बढ़ावा देता है और नकारात्मक विचारों को दूर करने में मदद करता है।
 
• आध्यात्मिक लाभ: योग केवल शारीरिक आसनों तक ही सीमित नहीं है। यह आत्मा के उत्थान का मार्ग भी है। यह हमें स्वयं से जोड़ता है, आत्म-जागरूकता बढ़ाता है और जीवन के गहरे अर्थों को समझने में मदद करता है। योग हमें अनुशासन, धैर्य और आंतरिक शांति का पाठ पढ़ाता है, जिससे जीवन में सकारात्मकता और संतोष आता है।
 
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम: 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग' : इस वर्ष 2025 के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग' (Yoga for One Earth, One Health) है। यह थीम इस बात पर जोर देती है कि योग एक ऐसा माध्यम है जिससे हम न केवल अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन और वैश्विक सद्भाव में भी योगदान दे सकते हैं। यह 'वसुधैव कुटुंबकम्' अर्थात् पूरा विश्व एक परिवार है के भारतीय दर्शन को प्रतिध्वनित करती है, जहां सभी प्राणियों और प्रकृति के स्वास्थ्य को एक साथ देखा जाता है। यह थीम बेहद प्रासंगिक और महत्वपूर्ण है। यह हमें यह संदेश देती है कि हमारा व्यक्तिगत स्वास्थ्य केवल हमारे शरीर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे आसपास के पर्यावरण, समुदाय और पूरे ग्रह के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है।
 
निष्कर्ष: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हमें यह याद दिलाता है कि योग केवल एक प्राचीन अभ्यास नहीं, बल्कि एक शाश्वत विज्ञान है जो आधुनिक जीवन की चुनौतियों का सामना करने में हमारी मदद कर सकता है। यह हमें स्वस्थ, शांत और संतुलित जीवन जीने का मार्ग दिखाता है। योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाकर हम न केवल अपने व्यक्तिगत कल्याण को सुनिश्चित कर सकते हैं, बल्कि 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य' के वैश्विक लक्ष्य को प्राप्त करने में भी अपना योगदान दे सकते हैं। 
 
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