वार का खेल...

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'मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती योगेंद्र।' रोते होते हुए रीतू ने कहा।

'पर मैं योगेंद्र नहीं राकेश हूँ।' राकेश ने जवाब दिया।

'सॉरी डार्लिंग! मैं भूल गई थी कि आज वार क्या है?' रीतू ने स्पष्ट किया।

'क्या कहा? आज मंगलवार है। अरे, बाप रे बाप! तुमने पहले क्यों नहीं बताया कि आज सोमवार नहीं मंगलवार है। अब मैं फौरन चलता हूँ।

पता नहीं संगीता, कितनी गालियाँ दे रही होगी।' जाते-जाते राकेश ने बताया और वहाँ से रफूचक्कर हो गया।

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