आज और कल

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पहला दोस्त- संत कबीर दास जी कहते थे- आज का काम कल पर मत छोड़ो, क्योंकि हो सकता है कल प्रलय आ जाए और सब खत्म हो जाए।

दूसरा दोस्त- आज का नौजवान कहता है- आज का काम कल पर जरूर छोड़ो.., हो सकता है कल उसके लिए कोई मशीन आ जाए और काम और भी आसान हो जाए।

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