एक बार लव गार्डन में एक जोड़ा रोमांटिक अंदाज में बैठा हुआ था। बांहों में बांहें, आंखों में आंखें, सांसों में सांसें।
जब घोंचूजी वहां से निकले, तो उनसे देखा नहीं गया।
बोल ही पड़े- 'देखिए आप लोग ऐसे 'घुल-मिलकर' बैठे हैं। कहिए तो यहां घूमने वाले बच्चों पर क्या असर पड़ेगा।'