कोरोनाकाल में बदल गई है भाषा : लोटपोट कर देगा यह चुटकुला

*जिसने भी इसे लिखा उसे साष्टांग दंडवत प्रणाम...!!
पत्नी ने पतिदेव को आवाज़ लगाई.... "यह क्या ! आप यहां बालकनी में अकेले-अकेले *'क्वारंटाईन'* हुए खड़े हैं और एक मै हूं जो आपको ढूंढने के लिए हर कमरे में *स्क्रीनिंग* करवा रही हूं। पहले ड्राइंग रूम में ढूंढा, लेकिन टेस्ट में आप *'नेगेटिव'* निकले। डायनिंग रूम में भी रिज़ल्ट नेगेटिव ही था, फिर बेडरूम और किचन तक की *'स्क्रीनिंग'* करवाई तब जाकर आप इस बालकनी में *'पॉजिटिव'* निकले हैं।
 
 घर में इतना काम पड़ा है और आप यहां बालकनी की शुद्ध हवा से अपनी *'इम्यूनिटी'* बढ़ाने में लगे है!  कहीं आप फिर से आस-पड़ोस वाली सुंदरियों के सौंदर्य से *संक्रमित* होकर तो यहां नहीं खड़े हैं ? याद है ना कि मै आपको पहले भी उनसे *सोशल डिस्टेंसिंग* मेनटेन करने की चेतावनी जारी कर चुकी हूं और आप है कि उन सौंदर्य युक्त *वायरसों* से मुक्त नहीं हो पा रहे है ? यदि वे सब ब्यूटी क्वीन है तो मै भी किसी *हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन* से कम नहीं हूं।  
 
सच-सच बताओ कि इस *इम्यूनिटी* के बहाने से कहीं महिलाओं की *कम्युनिटी* में आप दिलों का *ट्रांसमिशन* तो नहीं बढ़ा रहे हो ना ? याद रखना कि, यदि मेरा शक, एक *कनफर्म्ड केस* निकला तो, मैं इसी बालकनी में लॉक लगाकर...आपको जिंदगी भर के लिए घर के अंदर *लॉकडाउन* कर दूंगी।
 
अच्छा चलो......अब कुछ काम की बात। बर्तनों को मैंने *'सेनेटाईज'* कर दिया है, किन्तु कपड़ों के ढेर का *सेनेटाईजेशन* अभी बाकी है। जल्द ही आटा गूंथने से लेकर सब्जी काटने तक के कई *'प्रकरण'* भी सामने आने वाले हैं.....इसलिये इससे पहले कि, सारे काम एक साथ पेंडिंग होकर किसी *महामारी* का रूप ले लें, आप एहतियात बरतते हुए.....अपनी इच्छाओं को *मास्क* से ढक कर यह बालकनी छोड़ो और सारे काम निबटाना शुरू कर दो। 
 
घर की सफाई की स्थिति भी कोई बहुत अच्छी नहीं है। धूलकणों के आधार पर सिर्फ ड्राइंग रूम ही *ग्रीन जोन* में दिखाई देता है, बाकी बेडरूम *ऑरेंज जोन* तो डायनिंग रूम *रेड जोन* में बने हुए है। 
 
बाथरूम तो गंदगी का *हॉटस्पॉट* बन चुका है। इसकी दीवार की जिस दरार में से कॉकरोच निकल रहे हैं,  उसे मैंने पूरी तरह से *'सील'* कर दिया है। दवाई  तो डाली किन्तु *कॉकरोचों की मृत्यु-दर*  बढ़ने का नाम ही नहीं ले रही है, आपको ही कुछ करना पड़ेगा।
 
अरे हां ! सुना है.....आप संदिग्ध होकर भी अपनी *'हिस्ट्री'* छुपा रहे है ! मैं सब जानती हूं कि...कल पूरी दोपहर किचन में बैठकर आलू के पराठे आपने ही उड़ाए थे।  इसलिए आज से मैंने  किचन को दोपहर के समय में *'कंटेंनमेंट एरिया'* घोषित कर दिया है और शाम होने से पहले किचन में जाना पूर्णतया *'प्रतिबंधित'* है!
 
रसोई बनाने से पहले घर के सभी सदस्यों की *'मास टेस्टिंग'* करके यह जरूर पूछ लेना कि शाम के खाने में उन्हें कौन-सा टेस्ट चाहिए, ताकि सब के लिए एक जैसी रसोई बन पाए। यदि मेरी बातें कुछ असर कर रही हो तो जल्दी से काम शुरू करो, वरना गुस्से में रूठकर यदि...मैं *'सेल्फ-आइसोलेशन'*  में चली गई तो तुम्हारे मनाने का कोई भी *'वैक्सीन'* काम नहीं करेगा।"
 
इसीलिए तो मैं तुम्हारी डांट, जबसे चुपचाप सुने जा रहा हूं प्रिये ! मै जानता हूं कि यह तुम्हारे गुस्से का *"इनक्यूबेशन पीरियड"* है, बाद में तो हालात और बेकाबू हो जाएंगे, यह कहते हुए......पतिदेव घर के काम निबटाने चले गए।

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