"दूरियां" ही ''दवा'' हो गई : मजेदार Message

गुज़र रही है ज़िंदगी  
 ऐसे मुकाम से, 
अपने भी दूर हो जाते हैं,   
ज़रा से ज़ुकाम से ! 
तमाम क़ायनात में  
"एक क़ातिल बीमारी" 
की हवा हो गई, 
वक़्त ने 
कैसा सितम ढा़या कि
 "दूरियां" ही ''दवा'' हो गई

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