और फिर रात भर का 'पोहा जलेबी' का भूखा मालवावासी जब एक प्लेट पोहा और थोड़ी सी जलेबियां मांगता है तो जैसे पोहा जलेबी के मन की मुराद पूरी हो जाती है, उनके मिलन की बेला आ जाती है और थोड़ी ही देर में पोहे का जर्रा जर्रा जलेबी के बदन पर लिपटा हुआ पाया जाता है।