दो महिलाएं पुरुषों के आलस पर बातचीत कर रही थीं।
उनमें से एक मुस्कुराकर बोली- 'मेरे पति तो बिलकुल बच्चों की तरह हैं।'
इस पर दूसरी कहने लगी- 'मेरे पति का भी यही हाल है। क्या बताऊं, दफ्तर से आकर जब वे कुर्ते में बटन लगाने बैठते हैं, तो सुई में धागा तक मुझे ही पिरोकर देना पड़ता है।'