एक परिंदा कम है : फनी शायरी आपको भी हंसा देगी

शाम ख़ामोश है....पेड़ों पे उजाला कम है,
लौट आए हैं सभी....पर एक परिंदा कम है।
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इन पंक्तियों में शायर उस परिंदे यानी बंदे का इंतज़ार कर रहे हैं......जिसको बोतल लेने भेजा था।

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