एक गरीब आदमी प्रतिदिन कागज़ में लिखता। हे..प्रभु, मुझे 10000/-भेज दो औऱ गुब्बारे में लिखकर उड़ा देता। वो गुब्बारा, पुलिस थाने के ऊपर से गुजरता और पुलिस कर्मी उस गुब्बारे को पकड़ कर वो पर्ची पढ़ते और उस आदमी के भोलेपन पर हंसते।
एक दिन पुलिसकर्मियों ने सोचा कि क्यों ना उस गरीब आदमी की मदद की जाए और पुलिस कर्मियों ने मिलकर 5000/जमा किए और उस व्यक्ति को उसके घर जाकर दे आए।
दूसरे दिन, पुलिस कर्मियों ने जब गुब्बारा रोक कर पर्ची पढ़ी तो होश उड़ गए उसमें लिखा था...!
प्रभु.. आपके द्वारा भेजे गए पैसे तो मिल गए। लेकिन आपको पुलिस वालों के हाथ नहीं भेजने चाहिए थे। साले 5000/- खा गए।