कल रात्रि को मैंने छत में टहलते हुए देखा कि पड़ोसी कपड़े सुखा रहे हैं।
मैंने कौतूहलवश पूछा: भाई साहब, क्या आपकी शादी हो गई है?
पड़ोसी: कमाल करते हो भाईसाहब, इतनी कड़ाके की ठंड में कौन मां अपने बच्चे को छत में भेजेगी?
ख़ैर, हमें किसी के व्यक्तिगत जीवन से क्या लेना।