इसे कहते हैं चुटकुला : जब मैडम ने चपरासी को 'ओए' कह के बुलाया

जब स्कूल की पुरानी मैडम ने 
चपरासी को ओए . . कह के बुलाया 
 
तो नई मैडम को उस चपरासी 
पर बड़ा तरस आया...
 
बोली : लोग जाने कहां से 
पढ़कर आ जाते हैं 
भला ओए कहकर 
किसी को कभी बुलाते हैं?
 
फिर चपरासी से बोली 
सुनो, मैं शिष्टाचार निभाऊंगी। 
तुम्हें तुम्हारे नाम से ही बुलाऊंगी।
 
चपरासी गदगद हो गया। 
 
बोला आप सरीखे लोगों का 
ही हम गरीबों को साथ है 
मैडम जी मेरा नाम 
प्राणनाथ है। 
 
मैडम जी सकुचाईं।
 पलभर कुछ बोल न पाईं। 
 
फिर कहा इस नाम से अच्छा न होगा 
तुम्हें बुलाना, अगर कोई घर का नाम हो तो बताना। 
 
चपरासी बोला मेरे घर में 
सब मुझे दुलारते हैं 
पत्नी से लेकर बाबूजी तक 
सब बालम कहकर पुकारते हैं। 
 
मैडम की समझ में कुछ न आया 
फिर एक नया आईडिया लगाया 
बोली रहने दो, अब पहेलियां न बुझाओ 
मोहल्ले वाले तुम्हें क्या कहते हैं, ये बताओ।
 
चपरासी बोला मैडम जी 
सबका हम दिल बहलाते हैं 
और मोहल्ले में 
साजन कहलाते हैं।
 
मैडम अब तक ऊब चुकी थीं
ऊहापोह में डूब चुकी थी 
कहा मुए, ये सब नाम कहां से लिए जाएंगे
तू अपना सरनेम बता, उसी से काम चलाएंगे।
 
चपरासी बोला मैडम जी क्या करूं 
सारी दुनिया ही एक 'गेम' है
 आप सरनेम से बुलाइए 
स्वामी मेरा सरनेम है। 
 
अब मैडम झल्लाई।
 जोरों से चिल्लाई :
ओए, मेरा सिर मत खा, जा, 
एक कप गरम चाय ले के आ......!!

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