लखनऊ में एक बैंक मैनेजर साहब ने एक तोता पाल रखा था।
वह तोता रोज़ सुबह मैनेजर साहब को उठाने का भी काम करता था।
तोता रोज सुबह बहुत अदब के साथ कहता--
"हुजूर जागिए, तारे मद्धिम हो गए, चांद-चांदनी सब सो गए.. तशरीफ़ रखिए, आपको भी तो काम पर जाना है।
फिर कुछ दिनों बाद मैनेजर साहब का लखनऊ से तबादला इंदौर हो गया।
दो-चार हफ्ते के अंदर तोते ने मालवी भी सीख ली....