फ्री होकर प्यार से पढ़ना ...एक खास पीढ़ी की उल्टी यात्रा :शर्तिया मजा आएगा

फ्री होकर प्यार से पढ़ना
2021 से 1960 के दशक अर्थात बचपन की तरफ़
 
जो 60 को पार कर गये हैं या करीब हैं उनके लिए यह खास है
 
दुनिया में ‌जितना बदलाव हमारी पीढ़ी ने देखा है हमारे बाद की किसी पीढ़ी को "शायद ही " इतने बदलाव देख पाना संभव हो
 
हम वो आखिरी पीढ़ी हैं जिसने बैलगाड़ी से लेकर सुपर सोनिक जेट देखे हैं। बैरंग ख़त से लेकर लाइव चैटिंग तक देखा है और "वर्चुअल मीटिंग जैसी" असंभव लगने वाली बहुत सी बातों को सम्भव होते हुए देखा है। 
 
हम वो पीढ़ी हैं 
जिन्होंने कई-कई बार मिटटी के घरों में बैठ कर परियों और राजाओं की कहानियां सुनीं हैं। ज़मीन पर बैठकर खाना खाया है। प्लेट में डाल डाल कर चाय पी है।
 
हम वो लोग हैं 
जिन्होंने बचपन में मोहल्ले के मैदानों में अपने दोस्तों के साथ पम्परागत खेल, गिल्ली-डंडा, छुपा-छिपी, खो-खो, कबड्डी, कंचे जैसे खेल , खेले हैं ।
 
हम आखरी पीढ़ी के वो लोग हैं 
 जिन्होंने चांदनी रात में डीबरी, लालटेन या बल्ब की पीली रोशनी में होम वर्क किया है और दिन के उजाले में चादर के अंदर छिपा कर नावेल पढ़े हैं।  
 
हम वही पीढ़ी के लोग हैं  
जिन्होंने अपनों के लिए अपने जज़्बात खतों में आदान प्रदान किये हैं और उन ख़तो के पहुंचने और जवाब के वापस आने में महीनों तक इंतजार किया है।
 
हम उसी आखरी पीढ़ी के लोग हैं 
जिन्होंने कूलर, एसी या हीटर के बिना ही  बचपन गुज़ारा है और बिजली के बिना भी गुज़ारा किया है।
 
हम वो आखरी लोग हैं 
जो अक्सर अपने छोटे बालों में सरसों का ज्यादा तेल लगा कर स्कूल और शादियों में जाया करते थे।
 
हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं 
जिन्होंने स्याही वाली दावात या पेन से कॉपी किताबें, कपडे और हाथ काले-नीले किये है। तख़्ती पर सेठे की क़लम से लिखा है और तख़्ती धोई है।
 
हम वो आखरी लोग हैं 
जिन्होंने टीचर्स से मार खाई है और घर में शिकायत करने पर फिर मार खाई है।
 
हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं 
जिन्होने वो खूबसूरत रिश्ते और उनकी मिठास बांटने वाले लोग देखे हैं, जो लगातार कम होते चले गए। 
अब तो लोग जितना पढ़ लिख रहे हैं, उतना ही खुदगर्ज़ी, बेमुरव्वती, अनिश्चितता, अकेलेपन, व निराशा में खोते जा रहे हैं। और हम वो खुशनसीब लोग हैं जिन्होंने रिश्तों की मिठास महसूस की है...!!
 
हम वो आखरी लोग हैं 
जिन्होंने गुड़  की चाय पी है। काफी समय तक सुबह काला या लाल दंत मंजन या सफेद टूथ पाउडर इस्तेमाल किया है और कभी कभी तो नमक से या लकड़ी के कोयले से दांत साफ किए हैं। 

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